नई दिल्ली। लॉ की डिग्री के लिए भारत में CLAT (Common Law Admission Test) का आयोजन किया जाता है। यदि आप किसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको क्लैट परीक्षा पास करनी होगी। भारत में इंजीनियरिंग कोर्स के फेल जाने के बाद लॉ की डिग्री की वैल्यू काफी बढ़ रही है। यही कारण है कि CLAT में हर साल उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी के साथ कई बदलाव भी हो रहे हैं। CLAT 2020 के लिए भी कई बदलाव किए गए हैं। इनमें सबसे इंपोर्टेंट है परीक्षा पैटर्न में चेंजेज। परीक्षा पैटर्न में फाइनल चेंज किया गया है 31 दिसंबर को ही पता चलेगा फिलहाल आइए जानते हैं CLAT में अब तक कुल कितने बदला हुए और कितने विवाद।
CLAT EXAM में अब तक कितने बदलाव हुए
CLAT स्पेशलिस्ट श्री अमनदीप राजगोत्रा ने बदलते पैटर्न के बारे में बात करते हुए कहा कि, “पिछले 5 सालों में क्लैट के पैटर्न में कई बदलाव आए हैं। क्लैट 2015 की परीक्षा के दौरान छात्रों को कई समस्याएं आईं थी। कुछ छात्रों ने देश के कई कोर्ट में इसके बारे में शिकायत भी दर्ज की, जिसपर छात्र आज भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार रहे हैं। क्लैट 2016 में कट-ऑफ बहुत ज्यादा होने के बाद भी लगभग सभी टॉप उम्मीदवारों ने परीक्षा को अच्छे अंको के साथ क्वालीफाई किया था क्योंकि पेपर बहुत सरल था। क्लैट 2017 की परीक्षा थोड़ी मुश्किल थी इसलिए कट-ऑफ कम कर दिया गया था। क्लैट 2018 की परीक्षा में इतना बवाल हुआ कि आखिर में कोर्ट को एनएलएसआईयू में क्लैट सेक्रेटेरिएट की नियुक्ति करनी पड़ी और भविष्य की क्लैट परीक्षाओं के लिए एक नई कमेटी का चुनाव किया गया। क्लैट 2019 में सबसे बड़ा बदलाव यह था कि परीक्षा ऑफलाइन थी।”
प्लेट 2020 परीक्षा के नए पैटर्न में खास क्या है
श्री अमनदीप राजगोत्रा ने आगे बताया कि, “क्लैट 2020 की बात करें तो, नेशल लॉ युनिवर्सिटी के संघ द्वारा 21 नवंबर, 2019 को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कई बदलावों की घोषणा की गई थी। क्लैट 2020 का सबसे बड़ा बदलाव इसका पैटर्न है। नोटिस के अनुसार, परीक्षा में क्वान्टिटेटिव टेक्नीक्स, इंग्लिश, करंट अफेयर, डिडक्टिव रीजनिंग और लॉजिकल रीजनिंग से कॉम्प्रिहेन्शन आधारित सवाल पूछे जाएंगे। इसके अलावा इस बार सवालों की संख्या को 200 से घटाकर 125-150 कर दिया गया है। हालांकि, नए पैटर्न की पूरी जानकारी 31 दिसंबर 2019 को आने वाले नए नोटिस में दी जाएगी।”