अतिथि विद्वानों की भविष्य सुरक्षा यात्रा पिपरिया से रवाना हुई | ATITHI VIDWAN NEWS

भोपाल। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में पिछले दो दशकों से अध्यापनरत अतिथि विद्वान अपने अशिकार प्राप्ति के लिए एकजुट हो गए हैं। वचनपत्र के नियमितीकरण की मांग के लिए वर्षों से अपनी आवाज़ उठा रहे अतिथि विद्वानों की भविष्य सुरक्षा यात्रा पिपरिया से भोपाल के लिए रवाना हो गई है। 

अपना भविष्य सुरक्षित करने निकाल रहे हैं भविष्य सुरक्षा यात्रा


यात्रा की अगुवाई कर रहे अतिथि विद्वान नियमितीकरण मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह और डॉ सुरजीत भदौरिया का कहना है कि अतिथि विद्वान पिछले कई वर्षों से प्रदेश की उच्च शिक्षा को अपने खून पसीने से सींचते आये है। इतने वर्षों तक विभाग की सेवा करने के बावजूद तथा नियमितीकरण हेतु कोई नीति आज तक न बन पाने के कारण आज भी अतिथि विद्वानों का भविष्य असुरक्षित है। अपने भविष्य को नियमितीकरण के माध्यम से सुरक्षित करने के उद्देश्य से अतिथि विद्वान भविष्य सुरक्षा यात्रा निकल कर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री कमलनाथ को नियमितीकरण का वचन स्मरण करा रहे है।

छिन्दवाड़ा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण

अतिथि विद्वाननियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ मंसूर अली के अनुसार विगत 3 दिसंबर को पूरे प्रदेश भर से छिन्दवाड़ा पहुचे अतिथि विद्वानों ने शांतिपूर्ण रैली निकलने हेतु जिला प्रशासन को आवेदन प्रस्तुत किया था किन्तु जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नही दी गई बल्कि बलपूर्वक अतिथि विद्वानों को नज़रबंद किया गया तथा बसों में भरकर सभी अतिथि विद्वानों को छिन्दवाड़ा जिले के सीमा से बाहर कर दिया गया। यही नही पुलिस अधिकरियों द्वारा अतिथि विद्वानों पर खुलकर बल प्रयोग किया गया। डां अनिल जैन ने इस घटना की घोर निंदा की है। और कहा संविधान रक्षा के नाम से असंवैधानिक कार्य कर रहे और अनाधिक्रत तरीके से नीलम पार्क में बैठे व्यक्तियों से शासन की सहानुभूति और हम गांधीवादी अतिथि विद्वानों पर बल प्रयोग यह दोहरा चरित्र लोकतंत्र के लिये ठीक नही। इस घटना से समस्त प्रदेश के अतिथि विद्वान समुदाय में भारी रोष व असंतोष व्याप्त है।

भोपाल में अंतिम लड़ाई का आह्वान


अतिथि विद्वान भविष्य सुरक्षा यात्रा के माध्यम से सरकार और आमजन तक अपनी नियमितीकरण और वचन को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं। रैली में साथ चल रहे डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय का कहना है कि हम सरकार से केवल वचनपत्र की कंडिका 17.22 अनुसार वचन पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं। नियमितीकरण के लिए लगभग सभी रास्ते आज़मा चुके अतिथि विद्वान इस बार आर पार की लड़ाई के मूड में दिख रहे है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!