भोपाल। मध्य प्रदेश के विधानसभा में प्रश्न उत्तर के दौरान 1 नए मामले का खुलासा हुआ है। इसके निष्कर्ष में सिर्फ दो ही बातें कही जा सकती है। या तो 2 लाख छात्राओं ने स्कूल जाना बंद कर दिया है या फिर महिला एवं बाल विकास विभाग में पूरक पोषण आहार (टेक होम राशन) घोटाला चल रहा है।
यह मामला नरेला विधायक विश्वास सारंग के एक प्रश्न के उत्तर से उजागर हुआ है। विश्वास सारंग के एक प्रश्न के उत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने बताया कि प्रदेश में प्रश्न दिनांक को आई.सी.डी.एस. सेवा योजना के तहत पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत 11 से 14 वर्ष तक की कुल 1,81,963 शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) प्रदाय किया जा रहा है।
प्रश्नकर्ता विधायक विश्वास सारंग ने क्या कहा
बाद में प्रेस से चर्चा में श्री सारंग ने बताया कि महिला बाल विकास मंत्री के जवाब से सिद्ध होता है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बालिकाएं लगातार स्कूल छोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास मंत्री शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं की संख्या 1,81,963 बता रही हैं जबकि प्रदेश के एजुकेशन पोर्टल के हिसाब से यह संख्या 98,000 है। दो विभागों की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं कि असमान संख्या से सिद्ध होता है कि या तो दोनों विभागों में समन्वय नहीं है या फिर दोनों विभागों में से कोई एक असत्य बोल रहा है।
क्या यह टेक होम राशन घोटाला है
इस मामले का एक और पहलू है। एजुकेशन पोर्टल पर शाला त्यागी छात्राओं की संख्या 98000 है। यहां यह विश्वास करने का कारण बहुत कम है कि एजुकेशन पोर्टल पर गलत जानकारी होगी, क्योंकि शाला त्यागी छात्रों की संख्या छुपाने से अधिकारियों को कोई लाभ नहीं होने वाला। महिला बाल विकास विभाग ने बताया है कि एक लाख 81 हजार से ज्यादा छात्राओं को टेक होम राशन दिया जा रहा है। यहां संदेश किया जा सकता है। कहीं ऐसा तो नहीं की महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने शाला त्यागी छात्राओं की संख्या लगभग दोगुनी कर दी ताकि बड़े आराम से टेक होम राशन घोटाला किया जा सके।