भोपाल। जब कमलनाथ सरकार में " सफलता के 1 साल" का नगाड़ा बजाया तो भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं के दिमाग से 15 साल की सत्ता का खुमार भी उतर गया। शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा के सभी बड़े नेता पिछले 1 साल से इस इंतजार में थे कि कमलनाथ सरकार अपने कर्मों से खुद गिर जाएगी और फिर कुर्सी अपने आप हमें मिल जाएगी। गुटबाजी की 365 दिन लंबी राह में जब कमलनाथ सरकार एक भी दिन पंचर नहीं हुई तो अंततः भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने विपक्ष की भूमिका निभाने का मन बना ही लिया।
भाजपा विधायक दल की बैठक बुधवार रात आनन-फानन में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के निवास पर बुलाई गई। पिछले 1 साल में यह पहली बार था जब नेता प्रतिपक्ष के निवास पर हुई बैठक हुई। दूसरे शब्दों में कहें तो यह पहली बार हुआ जब गोपाल भार्गव को भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं ने नेता प्रतिपक्ष स्वीकार किया। विधायक दल की बैठक को शिवराज सिंह चौहान ने लीड किया। तय किया गया कि आरटीओ नाके और रेत के अवैध खनन का वीडियो अब खुद भाजपा विधायक ही बनाएंगे। भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि इसके लिए विधायकों की समितियां बनाई जाएं। सदन से सड़क तक अब संघर्ष किया जाएगा। कमलनाथ सरकार की माफिया के खिलाफ मुहिम पर शिवराज सिंह ने कहा कि भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का काॅलेज है। उसे राज्य सरकार क्यों नहीं तोड़ती। साफ है कि पूरी मुहिम दिखावा है।
विधायक दल की बैठक पहली बार भार्गव के निवास पर हुई। यहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रेत खनन के मामले में अब कंप्यूटर बाबा की नौटंकी नहीं चलेगी। विधायक खुद मौके पर पहुंचकर जांच करें। हमारे कई विधायक यह भी कह रहे हैं कि सरकारी कार्यक्रमों में उन्हें तवज्जो नहीं दी जाती। अब ऐसा हो तो माइक छीनों और अपनी बात कहो। केस दर्ज होने की चिंता मत करो। जहां कलेक्टर मुख्य अतिथि बन रहे हैं, ऐसे नेतागीरी करने वाले लोगों की सूची बनाओ।
सदन में विधायकों की उपस्थिति पर सख्त राकेश सिंह
बैठक में राकेश सिंह ने कहा कि सिर्फ भोपाल में मौजूद रहना ही जरूरी नहीं है, सदन और सड़क पर सभी विधायकों को उपस्थित रहना होगा। यह अच्छी बात है कि सभी लोग विपक्ष की मानसिकता में आ गए। अब हर मुद्दे पर सरकार को घेरना होगा। विधायक दल विधायकों की समितियां बनाएगा। बैठक में सदन की बुधवार की कार्रवाई की समीक्षा की गई।