ग्वालियर। रेडीमेड कपडों के कारोबारी से एक करोड़ एक लाख रुपये में दुकान का सौदा कर दंपती रजिस्ट्ररी करने से मुकर गए। मसले को निपटाने के लिए समाज की पंचायत भी जुडी। उसका फैसला भी दंपती ने नहीं माना तो कारोबारी पुलिस के पास पहुंच गया। सारा माजरा बताकर दुकान खरीदने के एवज में एक करोड़ रु देने के सबूत दिखाए तो पुलिस ने दंपती को फरेब का दोषी माना।
कोतवाली टीआई विवेक अष्ठाना ने बताया दर्जी ओली में रहने वाले रामचंद्र हुंदवानी (Ramchandra Hundwani) की नजरबाग मार्केट में रेडीमेड कपड़ों की दुकान है। उनके बाजू में मुकेश और उनकी पत्नी भावना वासवानी (Mukesh Vaswani wife Bhavna Vaswani) का जनरल स्टोर है। कुछ दिन पहले दंपती ने रामचंद्र को बताया कि वह दुकान बेचना चाहता है। उन्हें खरीदना हो तो ले सकते हैं। इससे उनकी दुकान और बडी हो जाएगी। पड़ोसी दुकानदार की बात सही लगी तो रामचंद्र राजी हो गए। सौदा एक करोड़ एक लाख रु में तय हुआ। दोनों अनुबंध किया, फिर रमेशचंद्र ने एक करोड़ एक लाख रुपया रमेश को थमा दिया। पेमेंट देते समय दंपती ने वादा किया 25 सितंबर को दुकान की रजिस्ट्री रामचंद्र के नाम करेंगे। लेकिन तय तारीख पर रजिस्ट्री नहीं की।
रामचंद्र ने टोका तो मुकेश भरोसा जताने के लिए अपनी दुकान की रजिस्ट्री रामचंद्र के पास रख गए। फिर रजिस्ट्री की बात उठी तो रामचंद्र से कहा कि बाजार में और भी दुकानें हैं उनकी रजिस्ट्री करा लें। हर बार नई कहानी सुनाई लेकिन रजिस्ट्री नहीं की। रामचंद्र ने पुलिस को बताया मुकेश और भावना की नीयत पर शक हुआ तो समाज के लोगोंं की पंचायत भी बुलाई। उसके बाद भी मुकेश ने रजिस्ट्री नहीं की तो पुलिस के पास आना पड़ा। टीआई अष्ठाना के मुताबिक रामचंद्र ने दुकान खरीदने के एवज में जो रकम चुकाई उसका पूरा ब्यौरा बताया है। इसमें मुकेश और भावना का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसलिए दोनों पर धोखेबाजी का केस दर्ज किया है।