अमित शाह ने गांधी परिवार की SPG सुरक्षा छीनी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गांधी परिवार (सोनिया, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है। अब उन्हें सीआरपीएफ के कमांडो जेड प्लस सुरक्षा देंगे। सीआरपीएफ ने एसपीजी से सुरक्षा वापस लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया गया। 

इस पर कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने कहा कि किस आधार पर गृह मंत्रालय ने यह फैसला किया। वे सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के जीवन से खेल रहे हैं। वेणुगोपाल ने कहा, “भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। वह अटल बिहारी वाजपेयी ही थे, जिन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के परिवार को एसपीजी सुरक्षा देने के लिए कानून में संशोधन किया था। मोदी और शाह ने मिलकर इसे खत्म कर दिया।’’ 

यह व्यक्तिगत और राजनीतिक बदला: कांग्रेस

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को व्यक्तिगत और राजनीतिक बदला लेने की इच्छा ने अंधा बना दिया है। यह इससे साबित होता है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सुरक्षा में लगी एसपीजी सुरक्षा को बिना सोचे-समझे वापस ले लिया गया।” हाल ही में सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी एसपीजी सुरक्षा हटा दी थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में एकमात्र व्यक्ति होंगे, जो एसपीजी सुरक्षा घेरे में रहेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने कहा कि भाजपा सरकार नफरत की राजनीति कर रही है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को एसपीजी की सुरक्षा जरूर दी जानी चाहिए।

राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी कानून में संशोधन हुआ

एसपीजी का गठन 1985 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था। 1988 में इससे संबंधित कानून संसद ने पास किया। उक्त कानून में पूर्व प्रधानमंत्रियों को इस सुरक्षा का पात्र नहीं माना गया था। वीपी सिंह सरकार ने 1989 में इसी आधार पर राजीव गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी। 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई। इसके बाद एसपीजी कानून में संशोधन किया गया। संशोधित कानून में प्रावधान था कि पूर्व पीएम और उनके परिवार के सदस्यों को प्रधानमंत्री पद से हटने के 10 साल बाद तक एसपीजी कवर मिलेगा।

एसपीजी एक्ट: 2003 में हुआ आखिरी संशोधन

वाजपेयी सरकार ने एसपीजी सुरक्षा का रिव्यू किया था। तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों पीवी नरसिम्हा राव, एचडी देवेगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल की एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई थी। 2003 में इस कानून में पुन: संशोधन किया गया, ये अब तक लागू है। इसके अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री को पद छोड़ने के एक साल बाद तक ही एसपीजी सिक्योरिटी कवर मिलेगा।

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