नई दिल्ली। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के कलेक्टर अजय शंकर पांडे ने खुद पर और कलेक्टर कार्यालय के सभी अधिकारी-कर्मचारियों पर ₹10000 का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि कलेक्टर कार्यालय की पानी की टंकी ओवरफ्लो रही थी और किसी ने उसे बंद नहीं किया। पश्चाताप शुल्क कलेक्टर सहित सभी अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन से काटकर जल संरक्षण विभाग में जमा कराया गया।
कलेक्टर अजय शंकर पांडे की निजी सहायक गौरव सिंह ने ये जानकारी दी। गौरव सिंह ने कहा कि कलेक्टर अजय शंकर पांडेय ने सभी अधिकारियों और कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में पानी की बर्बादी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जल संरक्षण देश की प्रमुख जरूरत है। सिंह के मुताबिक, जब कलेक्टर दफ्तर पहुंचे तो उन्होंने ओवरहेड टैंक से पानी गिरने की आवाज सुनी।
पानी की बर्बादी को पांडेय ने किसी एक आदमी की गलती न मानकर पूरे कार्यालय में बैठने वाले लोगों के वेतन से पैसे काटने के निर्देश दिए। जुर्माने को पश्चाताप शुल्क के तौर पर 30 अधिकारियों से 100-100 रुपए और 100 कर्मचारियों से 70-70 रुपए के हिसाब से वसूल कर 10 हजार रुपए पेनाल्टी जल संरक्षण विभाग में जमा कराई। अजय शंकर पांडेय तेज तर्रार अफसर माने जाते हैं। उन्हें अनुशासन के लिए भी जाना जाता है। वे हर दिन अपने दफ्तर में खुद ही झाड़ू लगाते हैं।