भोपाल। मप्र सामान्य प्रशासन विभाग ने दिनांक 25/10/2017 को जारी आदेश से शिक्षक संवर्ग को तीस वर्ष सेवाकाल पूर्ण होने पर तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान दिनांक 01/07/2014 से स्वीकृत किया है। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा कि उक्त आदेश के पालन में नियमों-निर्देशों एवं मार्गदर्शन की आड़ में दो वर्ष बाद भी जानबूझकर रूकावट पैदा की जा रही है। फलस्वरूप भ्रष्टाचार खूब फलफूल रहा व शिक्षकों से चांदी काटी जा रही है, आर्थिक शोषण बदस्तूर जारी है।
विडम्बना है कि द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान के समय "आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल" ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि "क्रमोन्नति वेतनमान में योग्यता बंधनकारी नहीं है" लेकिन वही अंड़गा वर्तमान में "आयुक्त कोष एवं लेखा भोपाल" ने दिनांक 18/11/2019 को जारी पत्र में लगाते हुए, "आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल" से कहा है कि "क्रमोन्नति वेतनमान के लिए शैक्षणिक योग्यता के संबंध में "सामान्य प्रशासन विभाग" से परामर्श लेना उपयुक्त होगा ।" विचारणीय है कि मंत्रालय में विभिन्न विभागों की नोट शीट एवं नियमानुसार प्रक्रियाओं के पालन के बाद सचिव स्तर से जारी आदेशों में खामिया ढूंढ-ढंढ कर मार्गदर्शन की आड़ में दो वर्ष बाद भी अनिर्णय की स्थिति से विभागीय आला अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगना वाजिब हैं । आखिर शिक्षकों के तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान पर चारों (वित्त, सामान्य प्रशासन, शिक्षा तथा कोषलेखा) विभागों में सामंजस्य स्थापित क्यों नहीं है ? अनावश्यक मार्गदर्शन की आड़ में शिक्षकों के प्रकरणों में विलंब तो हो ही रहा है, साथ ही आर्थिक नुकसान के साथ भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
इससे प्रभावित हजारों शिक्षक में गहरी नाराजगी व आक्रोश व्याप्त हैं, इससे प्रत्यक्ष-परोक्ष कार्यक्षमता भी पर असर पड़ता है । "मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ" आला अधिकारियों से मांग करता है कि "शिक्षक संवर्ग को तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान देने में समय-सीमा तय की जावे व इसके लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जावे ।" इस संबंध में विगत विधानसभा सत्र में मननीय विधायक महोदय श्रीमान अनिरूद्ध मारू विधानसभा क्षेत्र मनासा जिला नीमच ने तारांकित प्रश्न उठाया था । शिक्षकों के बढ़ते असंतोष को देखते हुए माननीय शिक्षामंत्री महोदय श्रीमान प्रभुराम चौधरी जी से निवेदन है कि "शिक्षक संवर्ग को देय तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान की अबूझ पहेली को सुलझाने का कष्ट करें।"