भोपाल। भोपाल जिला योजना समिति की बैठक में चंबल की क्षेत्रीय राजनीति की झलक दिखाई दी। यहां चंबल के दो नेता भोपाल की भाईचारे वाली राजनीति में दरार डालते नजर आए। इन दोनों में से एक है भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और दूसरे हैं भोपाल के प्रभारी मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह। दोनों ही नेता भोपाल के लिए महत्वपूर्ण है परंतु दोनों चंबल मूल के हैं। इनके विवाद भी निजी, क्षेत्रीय और जातिवादी हैं।
अगले 3 महीने में 2031 तक के लिए भोपाल का मास्टर प्लान
बैठक से बाहर निकलने के बाद कमलनाथ के मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने बताया कि भोपाल के मास्टर प्लान को लेकर सभी सदस्यों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई है। जबकि मध्य प्रदेश के विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि पिछले 15 सालों से बीजेपी की सरकार ने भोपाल की की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन कांग्रेस की सरकार अगले 3 महीने में साल 2031 तक के लिए मास्टर प्लान लाने जा रही है।
भोपाल के विभाजन पर पुनर्विचार होगा: प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह
हालांकि जिला योजना समिति की बैठक के बाद बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नगर निगम को 2 हिस्सों में बांटने के मामले में खुद प्रभारी मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया है।
अयोध्या मुद्दे पर भोपाल एकजुट
इसके अलावा बैठक में देश के सबसे विवादित मसले अयोध्या के राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर प्रस्ताव पास हुआ है। बैठक में अयोध्या केस में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अमन चैन बनाए रखने के लिए प्रस्ताव लाया गया था, ताकि फैसला किसी के भी पक्ष में आए, लेकिन भोपाल में अमन चैन बरकरार रहे। बीजेपी कांग्रेस के सभी सदस्यों ने एकमत होकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। वहीं कमलनाथ सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि भले फैसला किसी के भी तरफ आए, भोपाल की गंगा जमुनी तहजीब पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उधर बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बने या फिर मस्जिद भोपाल और मध्यप्रदेश की शांति बनी रहेगी।