इंदौर। भारतीय सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी लेफ्टिनेंट के साथी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। सेना की खुफिया विंग उसकी तलाश में जुट गई है। मूलत: बिहार का रहने वाला यह शख्स आर्मी क्षेत्र में रह रहा था। पुलिस ने करीब चार नंबरों की छानबीन शुरू की है।
तेजाजी नगर थाना क्षेत्र स्थित बायपास पर मंगलवार सुबह हुए हादसे में मृत जयप्रकाश झा के घर सेना व पुलिस ने सर्चिंग की तो पोर्च में कार (एमपी 09 सीजे 7189) खड़ी मिली। इस पर आगे-पीछे सेना का लोगो लगा हुआ था। कार यश मिश्रा एमक्यू ब्रांच आर्मी वॉर कॉलेज के नाम से रजिस्टर्ड थी। पुलिस ने जानकारी निकाली तो पता चला यश मूलत: बिहार का रहने वाला है। उसने फर्जी पता दिया था।
पुलिस यश की तलाश में जुटी हुई है। उधर, क्राइम ब्रांच और सेना जयप्रकाश व उसके साथियों की कॉल डिटेल निकालकर संपर्कों की जानकारी जुटा रही है। शुक्रवार को जयप्रकाश के साथी रोशन पासवान का भी एमवाय अस्पताल में पीएम हो गया। मौसा किशोर पासवान और मामा राजू पासवान शव लेकर बिहार रवाना हो गए। राजू ने कहा कि पिता दिल के मरीज है। रोशन करीब 15 दिन पहले ही नौकरी की तलाश में इंदौर आया था।
29 अक्टूबर अक्टूबर के दिन इंदौर-देवास फोरलने पर दो कारों में जोरदार टक्कर हो गई थी। हादसे के बाद पुलिस ने जब कार की चेकिंग की तो उसमें से जप्रकाश के नाम से लेफ्टिनेंट का कार्ड मिला था और एक वर्दी भी मिली थी। जांच के बाद पता चला कि जयप्रकाश सफाईकर्मी था और उसने अपना फर्जी कार्ड बनवाया था। यह बात भी सामने आई कि वो सेना में भर्ती के नाम पर अपने साथियों के साथ यूपी और बिहार के युवकों को ढ़गता था।