ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji University) में वाट्सएप ग्रुप (Whatsapp group) पर अश्लील वीडियो (Porn videos) भेजने वाले प्रोफेसर के खिलाफ छात्र नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को कुलसचिव आईके मंसूरी से छात्र नेताओं ने कहा कि जेयू पहले से काफी बदनाम थी। अश्लील वीडियो वायरल कर लाइब्रेरी साइंस के विभागाध्यक्ष (Head of Department of Library Science) ने संस्थान की छवि और बिगाड़ दी है। इससे छात्र व उनके अविभावकों में जेयू के प्रति कैसी भावना पैदा हो गई है, इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। अगर दो दिन के भीतर प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज नहीं कराया जाता है तो छात्र उग्र आंदोलन करेंगे और केस दर्ज कराएंगे, क्योंकि छात्रों की भावनाएं आहत हुई हैं।
जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए जेयू यूनिवर्सिटी टीचर्स वाट्सएप ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप में वह सूचनाएं प्रेषित की जाती थी, जो प्रोफेसरों से संबंधित होती थी। इस ग्रुप में जेयू के हर विभाग के प्रोफेसर जुड़े थे। अपने विभाग की सूचनाएं इस ग्रुप के माध्यम से एक दूसरे के पास भेजते थे, लेकिन 29 अक्टूबर को शाम 5ः06 बजे लाइब्रेरी साइंस के विभागाध्यक्ष ने एक बाद एक चार अश्लील वीडियो पोस्ट कर दिए। वीडियो को देखने के बाद बाद हड़कंप मच गया। कुछ प्रोफेसरों ने सभी वीडियो देख लिए, कुछ ने एक वीडियो ही देख पाया। साथ ही वीडियो पोस्ट करने वाले प्रोफेसर को भी इसकी सूचना दी तो उन्होंने ग्रुप से वीडियो डिलीट किए। तब तक काफी देर हो चुकी थी। इसके बाद प्रोफेसरों ने तत्काल प्रभाव से ग्रुप को डिलीट करने को कहा।
एडमिन ने कुलपति, महिला प्रोफेसरों को रिमूव किया। घटनाक्रम दूसरे दिन जेयू में चर्चा में रहा, लेकिन वीडियो भेजने वाले प्रोफेसर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर छात्र नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। छात्रों ने कुलसचिव को चेतावनी भी दी है। कुलसचिव ने कहा कि दो दिन में पूरे मामले पर कार्रवाई की जाएगी।