इंदौर। बीएससी नर्सिंग की परीक्षा (Bsc nursing exam) शुक्रवार से शुरू होने वाली है, लेकिन डाटा मिलान नहीं होने से कई परीक्षार्थियों के सामने परीक्षा में बैठने को लेकर संकट खड़ा हो गया है। विद्यार्थियों (students) ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya University) पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है।
अधिकारियों के अनुसार विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध जानकारी के आधार पर विद्यार्थियों की पात्रता तय की गई है। विद्यार्थियों की पात्रता को महाविद्यालयों द्वारा सत्यापित किया जाना था। दोनों की लापरवाही का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। इस बारे में परीक्षा नियंत्रक ने जबलपुर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकारियों से भी चर्चा की है।
1 नवंबर से बीएससी नर्सिंग तृतीय वर्ष और 2 नवंबर से बीएससी नर्सिंग अंतिम वर्ष की परीक्षा होनी है। इसमें दर्जनभर विद्यार्थी अभी तक परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं। इसका कारण यह है कि विश्वविद्यालय से पात्रता संबंधित भेजे गए डाटा में काफी गड़बड़ियां हैं। कुछ छात्रों का कहना है कि जिन्हें बीएससी नर्सिंग अंतिम वर्ष की परीक्षा देना है, उन्हें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने तृतीय वर्ष का विद्यार्थी बताया है। वहीं तृतीय वर्ष वालों को एक साल पीछे कर दिया है। गुरुवार को कई छात्र देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में अधिकारियों से मिलने पहुंचे थे क्योंकि डाटा गलत होने से वे परीक्षा से दूर हो गए हैं।
बताया जाता है कि कई विद्यार्थी इन परीक्षाओं के लिए नवंबर में पात्र होते हैं जबकि विश्वविद्यालय ने डाटा सितंबर-अक्टूबर के बीच भेज दिया है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी ने बताया कि महाविद्यालयों को विद्यार्थियों की पात्रता सूची बनाकर देनी थी। बाद में यह काम देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने किया है। वैसे परीक्षा में बिठाने को लेकर जबलपुर मेडिकल विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कुलपति डॉ. रेणु जैन ने भी चर्चा की है। बताया जाता है कि जबलपुर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने इन विद्यार्थियों के लिए बीच का रास्ता निकाला है।