महुआ का पेड़ आदिवासियों का आस्था केंद्र, तनाव बढ़ा, जंगल में धारा 144 लागू | MP NEWS

होशंगाबाद। पिपरिया के बनखेड़ी नयागांव जंगल क्षेत्र (Nayagaon forest area) में महुआ का पेड़ आदिवासियों का आस्था केंद्र बन गया है। जबकि प्रशासन ने महुआ के पेड़ (Mahua tree) के पास जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। गुरुवार को पिपरिया एसडीएम ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। महुआ पेड़ वाले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है।

बता दें कि महुआ पेड़ को छूने और दर्शन करने को लेकर बुधवार को लोगों ने जमकर बवाल किया था। कहा जाता है कि उस पेड़ को छूने से सारी बाधाएं दूर हो जातीं हैं। बुधवार को ही होशंगाबाद कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने एडीएम केडी त्रिपाठी को गुरुवार को मौके पर भेजकर रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट के आधार पर ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गइ है। महुआ के पेड़ के पास जा रहे लोगों को रोका तो पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसमें 12 पुलिसकर्मियों समेत बनखेड़ी थाना प्रभारी घायल हो गए थे। दिन में पुलिस पर पथराव और रात में जानलेवा हमला करने पर 36 नामजद सहित 86 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के दायरे में स्थित महुआ के पेड़ में जा रही भीड़ को रोकने पर पिटी पुलिस ने जंगल क्षेत्र में जाने से हाथ खींच लिए हैं। एसपी एमएल छारी ने कहा- यह एसटीआर का क्षेत्र है। व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस तैनात की गई थी, इसलिए वहां लगाई गईं दुकानों को हटाया गया। इसके बाद कुछ लोगों ने हमला किया।

पुलिस अधिकारी भी महुआ के पेड़ को चमत्कारी मानते हैं

एक माह पहले ऑनलाइन जारी एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तों पिपरिया क्षेत्र के एक टीआई व पुलिसवाले भी पेड़ को छूकर शीश नवाते थे। जब इन्हें भीड़ को कंट्रोल करने के लिए सख्ती के निर्देश मिले तो लोग भड़क गए। उपद्रव में आसपास के नयागांव, नंदवाड़ा, लांझी के ही लोगों का हाथ है। एसटीआर एसडीओ लोकेश निरापुरे ने कहा- महुए का पेड़ रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में है। वहां जाने की अनुमति किसी को नहीं है।

एसटीआर प्रबंधन का रवैया गैर जिम्मेदार

जिस क्षेत्र में पेड़ है और अनधिकृत रूप से भीड़ जुटती रही, वह एसटीआर में आता है। बावजूद, विभागीय अफसरों ने इसे रोकने के लिए इंतजाम नहीं किया। ट्रैफिक जाम की सूचनाएं मिलने के चलते पुलिस ने हस्तक्षेप किया। पर बड़े अफसर हल्के में लेते रहे, अमला भीड़ से सख्ती से पेश आने लगा।

आदिवासियों ने देव मान आराध्य बताया

आदिवासियों ने कुछ दिनाें पहले अधिकारियों को ज्ञापन देकर दावा किया कि पेड़ में बड़ा देव है। उसमें चमत्कारिक शक्तियां रहती हैं। आदिवासियों ने एक महापूजन भी की थी। इस आस्था के सभी समाज और सभी धर्म के लोगों का आना-जाना शुरू हो गया।

विशेषज्ञ का बयान

महुए का पेड़ एक सामान्य पेड़ है। इसका बाॅटनिकल नाम मधुका इंडिका है। जब महुए का पेड़ पुराना हाे जाता है ताे उसकी पहचान के लिए उसे कड़ा महुआ कहते हैं। महुए के पेड़ में ऐसी काेई शक्ति नहीं हाेती जिसे देखने से या छूने से राेगाें पर नियंत्रण हाे सके।
डाॅ. रविंद्र अभ्यंकर, विशेषज्ञ

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