जबलपुर। एमपी के जबलपुर में गन कैरिज फैक्टरी (GCF) के अधिकारी (GCF officer) एससी खटुआ (SC Khatua) की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस की टीम नाकाम हो गई है, जिसके चलते अब हत्याकांड (Murder) की जांच सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा किसी और ने नहीं बल्कि पुलिस अधीक्षक ने की है.
बताया जाता है कि भारतीय सेना के लिए बनाई जाने वाली धनुष तोप में चीनी कलपुर्जे लगाने के मामले में सीबीआई की टीम अपनी जांच कर रही थी, इस दौरान मामले में संदिग्ध फैक्टरी के अधिकारी एससी खटुआ की हत्या कर दी गई, यहां तक कि उनकी लाश फैक्टरी के समीप ही पहाड़ी के पीछे फेंक दी गई. हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस की टीम जुटी रही, करीब 8 माह बाद भी आरोपियों को पकडऩे में पुलिस को सफलता हाथ नहीं लग पाई है. पुलिस मुख्यालय से इस सनसनीखेज हत्याकाण्ड पर जबलपुर एसपी अमित सिंह का अभिमत मांगा गया था जिसमें उन्होने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश कर दी है.
हालांकि पुलिस मुख्यालय ने अब तक मामले की जांच सीबीआई को नहीं सौंपी है लिहाजा इस अंधे हत्याकाण्ड में जबलपुर पुलिस की जांच जारी है, जबलपुर हाईकोर्ट ने भी जब मृत अधिकारी की पत्नि मौसमी खाटुआ की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर एसपी से जवाब मांग चुका है तो एसपी अमित सिंह ने मामले की जांच जारी होने की दलील दी है. एसपी का कहना है कि पुलिस की जांच धीमी ज़रुर है लेकिन उनकी कोशिश असली गुनाहगार तक पहुंचने की है, जब तक मामला सीबीआई के सुपुर्द नहीं किया जाता तब तक इसकी जांच जबलपुर पुलिस को ही करनी है लिहाजा जबलपुर पुलिस की मांग पर अब राजधानी भोपाल से पुलिस के फॉरेन्सिक एक्सपर्ट्स जबलपुर आने वाले हैं.
धनुष तोप में चीनी पुर्जे लगाने में जांच अधिकारी थे खाटुआ
एक्सपर्ट्स की टीम घटना स्थल पर जाकर एससी खाटुआ हत्याकाण्ड का रीक्रिएशन करेगी और जानने की कोशिश करेगी कि आखिर उनकी हत्या कैसे की गई और इसके पीछे कौन लोग हो सकते हैं. गौरतलब है कि धनुष तोप में मेड इऩ जर्मनी की बजाय चीनी कलपुर्जे लगाने की जांच कर रही दिल्ली सीबीआई की टीम ने जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री के अधिकारी एससी खटुआ से पूछताछ की थी जिसके कुछ दिन बाद वो लापता हो गए थे, खाटुआ की लाश 5 फरवरी को जबलपुर में पाटबाबा की पहाडियों में मिली थी लेकिन इस हत्याकाण्ड के 8 माह बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं.