नरसिंहपुर। राज्य शिक्षा सेवा कैडर के शिक्षक विगत डेढ़ वर्ष पूर्व संविलियन आदेश होने और उसमें एक जुलाई 2018 से सातवां वेतनमान प्रदान करने की आदेशित तिथि स्पष्ट रूप से उल्लेखित होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा वित्त विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों के ना नुकुर की ढुलमुल नीतियों और शिक्षण और शिक्षक विरोधी मानसिकता के चलते अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों को सातवां वेतनमान अभी भी सपना बना हुआ है।
इसके साथ ही उन्हें शिक्षा विभाग के नियमित कैडर का झुनझुना तो पकड़ा दिया गया है परंतु उन्हें नियमित शिक्षकों के समान ग्रेच्युटी आवास भत्ता सुविधा, चिकित्सा भत्ता बीमा सुरक्षा कटौती जीपीएफ जैसी मूलभूत सेवा शर्तों के लाभ से भी वंचित रखा गया है। एस पी त्यागी के मुताबिक और तो और सातवां वेतनमान प्रदान करने में ट्रेजरी कोड ईकेवाईसी आईएफएमआईएस जैसी जबरन प्रक्रिया शुरू कर उनके जायज हकों की प्राप्ति के मार्ग में प्रशासकीय रोड़े अटकाए जा रहे हैं इन सब से खफा होकर पिछले दो साल से अपने आक्रोश को दबाए जिले के रोष और आक्रोश से भरे शिक्षकों ने गांधी चौराहे नरसिंहपुर पर पहुंचकर गांधीगिरी के सत्याग्रह का मार्ग अपनाया और गांधी प्रतिमा के समक्ष नारे लगाकर प्रशासन की बंद आंखों को खोलें और शिक्षा विभाग की दूरी दिलाने की ओर ध्यान आकृष्ट कराने के लिए गांधी सत्याग्रह का मार्ग अपनाया।
इसके अतिरिक्त बीएलओ जैसे अनेकों गैर शैक्षणिक कार्यों में साल भर शिक्षकों को खा पाए रखकर शालाओं में कक्षा अध्यापक में बाधा उत्पन्न करके शैक्षणिक गुणवत्ता गिराई जा रही है और बाद में परीक्षा में शिक्षकों को उलझाकर बदनाम करने को लेकर शिक्षकों के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है इन सभी मुद्दों पर शासन प्रशासन को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना गांधी प्रतिमा के समक्ष की गई अभी भी एक बहुत बड़े संख्या में अध्यापकों का नई शिक्षा सेवा में संविलियन और समझ से बना हुआ है समस्त कार्यक्रमों का संचालन करते हुए अधिकारी कर्मचारी संस्था के जिलाध्यक्ष सत्य प्रकाश त्यागी के साथ वरिष्ठ कर्मचारी नेता डॉ सी एल कोष्टी मनीष जैन सचिन बरसैंया चेतन पटेल उमेश पटेल बीपी पांडेय देवराज कौरव शिवेंद्र राजपूत अखिलेश ढिमोले यशपाल जाटव अभिलाषा अवधिया ऋतु जैन आशीष फौजदार विजय नामदेव अशोक पटेल आकाश श्रीवास्तव ज्योत्सना दुबे पुष्पा पालीवाल चंद्रप्रभा राजपूत मनोज धानक शिरीष पाटकर प्रवीण शर्मा देवेंद्र पगारे इत्यादि की अन्य शिक्षकों के साथ सहभागिता रही।