ग्वालियर। जौरा थाने में शनिवार को जब्त किए हुए पटाखे रखते समय अचानक विस्फोट हो गया। धमाके में तीन पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल हो गए। घायल आरक्षकों में एक की हालत गंभीर होने पर उसे ग्वालियर रेफर किया गया। विस्फोट इतना तेज था कि थाने के कमरों में लगी खिड़कियों के कांच टूट गए। आरक्षक गुल्थूराम के हाथ-पैर और चेहरे पर कांच के टुकड़े लगे हैं। वहीं आरक्षक विकास शर्मा बारूद से झुलस गया।
दीवाली पर गैर कानूनी तरह से बेचे जा रहे पटाखे को पुलिस द्वारा जब्त किया जा रहा है। इन पटाखों को थाने में रखने के लिए उचित जगह या सुरक्षित जगह होना चाहिए। जिससे इन पटाखों में विस्फोट होने से कोई हादसा नहीं हो। लेकिन मुरैना जिले के जौरा में इस तरह की लापरवाही सामने आई है।विस्फोट के दौरान थाने के कक्ष में रखा सामान भी टूट-फूट गया।
दीपावली के मद्देनजर पुलिस ने जिले में अवैध रूप से बनाई गई आतिशबाजी व पटाखों को जब्त करने का अभियान शुरू किया है। इसी के तहत जौरा पुलिस को सूचना मिली कि इस्लामपुरा में रहने वाला नरेश पुत्र सिकंदर खान अवैध रूप से आतिशबाजी तैयार कर रहा है। पुलिस ने शनिवार दोपहर करीब 12 बजे नरेश के घर पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर पटाखों को जब्त कर लिया। पटाखों को वाहन से पुलिस थाने लाई। जब वे थाने के पीछे के कक्ष में जब्त पटाखों को रख रहे थे, तभी विस्फोट हो गया।
विस्फोट के दौरान आरक्षक जितेन्द्र सिंह गुर्जर, विकास शर्मा, गुल्थूराम (Constable Jitendra Singh Gurjar, Vikas Sharma, Guthuram) घायल हो गए। थाने में किसी काम से आया लोडिंग ड्राइवर राजस्थान निवासी रामदेव भी चोटिल हो गया। घायलों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन जितेन्द्र की हालत गंभीर होने से उसे ग्वालियर रेफर किया गया है।
जौरा थाने से पहले बानमोर कस्बे के थाने में भी दो बार पटाखों में विस्फोट हो चुके हैं। उस समय भी पुलिसकर्मी घायल हुए थे। एक बार तो बानमोर थाने का भवन क्षतिग्रस्त हो गया था, वहीं दूसरी बार में पटाखों को जमीन में गाड़ते समय विस्फोट हुआ था। पुलिस जो भी पटाखे जब्त करती है, उन्हें थाने के अंदर ही रखा जाता है। पटाखों के लिए थानों में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां पर इन्हें रखा जा सके। ऐसे में हमेशा थानों में विस्फोट होने की आशंका बनी रहती है।