इंदौर। बायपास पर हुए एक एक्सीडेंट (accident) में मारे गए व्यक्ति के पास से कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। वह सैन्य वॉर कॉलेज में सफाई कर्मचारी था परंतु उसके पास से कई चौंकाने वाले दस्तावेज मिले हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल धीरेंद्र कुमार (Lt. Col. Dhirendra Kumar) से भी उसका कनेक्शन सामने आया है। इसके अलावा उसकी लाइफ स्टाइल बताती है कि उसके पास खर्च करने के लिए काफी सारा पैसा था। संदेह यह है कि कहीं वो पाकिस्तान के लिए जासूस का काम तो नहीं कर रहा था।
रक्षामंत्रालय के दस्तावेज, वायरलेस सेट और ...
बायपास पर भीषण हादसे की खबर के बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने जब मृतक जयप्रकाश झा (Jayaprakash Jha, deceased) की क्षतिग्रस्त कार की तलाशी ली तो होश उड़ गए। कार में रखे बैग में वायरलेस सेट, लेफ्टिनेंट के आईडी कार्ड, रक्षा मंत्रालय के दस्तावेज और वर्दी मिली। सूचना पर सैन्य अधिकारी (military officer) और आर्मी इंटेलिजेंस की टीम जांच करने पहुंच गई। कई घंटों बाद पता चला कि जयप्रकाश सफाईकर्मी था और जो दस्तावेज मिले, वे फर्जी हैं। कर्नल स्तर के अधिकारियों ने तत्काल जयप्रकाश के बंगले पर ताला लगा दिया और उसके लैपटॉप और मोबाइल की जांच शुरू कर दी।
पुलिस समझती रही सेना का अधिकारी है
तेजाजीनगर थाना टीआई नीरज मेढ़ा के अनुसार जैसे ही हादसे की खबर मिली तो पुलिस मौके पर पहुंच गई। कार में कपड़े, खाने-पीने का सामान, फाइलें रखी हुई थीं। सामान जब्त कर थाने में जांच की तो जयप्रकाश की नेमप्लेट लगी लेफ्टिनेंट की वर्दी, आईडी कार्ड, कैंटीन कार्ड, सेना की सील लगा रजिस्टर, गाड़ी के अलावा एक ऐसी फाइल मिली जिस पर एकीकृत मुख्यालय रक्षा मंत्रालय लिखा हुआ था। पुलिस सैन्य अधिकारी समझ मामले की जांच करती रही लेकिन दोपहर तक सेना की तरफ से किसी अधिकारी के नहीं पहुंचने पर शक गहराया और महू सैन्य अधिकारियों को सूचना दी।
सेना ने बताया कि सबकुछ फर्जी है
रिकॉर्ड देख दोपहर 3 बजे अधिकारियों ने जयप्रकाश के लेफ्टिनेंट होने से स्पष्ट इनकार कर दिया। टीआई ने कहा कि जयप्रकाश के पास जो कार्ड मिला, उस पर लेफ्टिनेंट ही लिखा हुआ है। शाम करीब 6 बजे कर्नल बिजेंद्र सिंह तेजाजीनगर थाने पहुंचे और जांच कर कहा कि वह सैन्य वॉर कॉलेज में सफाईकर्मी के पद पर था लेकिन लेफ्टिनेंट होने से इनकार कर दिया। साथ ही कर्नल ने जयप्रकाश की गतिविधियों पर शक जताया और शाम को ही समर्थ पार्क कॉलोनी वाले बंगले पर ताला लगा दिया। कर्नल के मुताबिक जयप्रकाश के लैपटॉप, मोबाइल को डिकोड किया जाएगा। फर्जी कार्ड क्यों बनाए गए, यह जांच का विषय है।
लेफ्टिनेंट कर्नल धीरेंद्र कुमार का नाम भी आया
पुलिस को जयप्रकाश के पर्स से लेफ्टिनेंट कर्नल धीरेंद्र कुमार के आईडी कार्ड भी मिले हैं। कर्नल बिजेंद्र ने पुलिस को बताया ले. कर्नल कुमार फिलहाल छुट्टी पर हैं। जयप्रकाश उन्हीं के कार्यालय में काम करता था। कर्नल कुमार की पत्नी ने कुछ दिनों पहले कोरियर से आईडी कार्ड भेजे थे। संभवतः जयप्रकाश ने कोरियर अटेंड किया और कार्ड अपने पास रख लिए।
चाचा ससुर ब्रजेश झा के अनुसार जयप्रकाश ने परिजन, रिश्तेदार,ग्रामीणों को भी यही बताया था कि वह पहले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था, लेकिन विभागीय परीक्षा पास कर लेफ्टिनेंट बन गया। हादसे में मृत गौरव कुमार और रोशन कुमार को वह सहायक व गनमैन बताता था। उसने यह भी कहा था कि सैन्य अधिकारी बनने के बाद रक्षा मंत्रालय की ओर से सुरक्षा दी गई है।