क्या धनतेरस के दिन झाड़ू भी खरीदना चाहिए, पढ़िए धनतेरस की मान्यताएं | DHANTERAS KI MANYATAYE

धनतेरस 25 अक्टूबर को है। इसी के साथ दिवाली के महापर्व की शुरुआत हो जाएगी। धनतेरस के दिन लोग सोने चांदी के गहने और बर्तन खरीदते हैं लेकिन इस दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा भी काफी लंबे समय से चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन झाडू की खरीददारी करने से घर में सुख, शांति और संपन्नता बनी रहती है। मत्स्य पुराण में, झाडू को मां लक्ष्मी का ही रूप माना गया है। ये भी माना जाता है कि झाडू खरीदने से घर से गरीबी जाती है और ऋण से भी मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं धनतेरस के दिन झाडू खरीदने का क्या है महत्व...

घर में लक्ष्मी का वास होता है

धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदा जाता है। मान्यता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से गरीबी दूर होती है। साथ ही नई झाड़ू से नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदकर अपने घर में लाना चाहिए। इससे पैसों की तंगी को दूर किया जा सकता है। शास्त्रों में इसे माता लक्ष्मी का प्रतिरूप माना जाता है। हालांकि धनतेरस पर झाड़ू खरीदने के कुछ नियमों का भी पालन करना चाहिए। इन नियमों के प्रति लापरवाही बरतने से देवी लक्ष्मी नाराज भी हो सकती है।

ताकि घर से न रूठें मां लक्ष्मी

धनतेरस पर अगर झाड़ू खरीदें तो झाड़ू को पकड़ने की जगह पर सफेद रंग का धागा बांध दें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी घर में स्थिर रहती हैं। साथ ही ध्यान रहे कि झाड़ू पर पैर न मारा जाए। कहा जाता है कि झाड़ू पर पैर मारने से देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती है। वहीं झाडू मंगलवार, शनिवार और रविवार को खरीदने से बचना चाहिए। इन दिनों में झाड़ू खरीदने से घर में कलह का माहौल हो जाता है।

धनतेरस पर तीन झाड़ू खरीदें

अगर हो सके तो धनतेरस पर तीन झाड़ू खरीदें। तीन झाड़ू साथ में खरीदना शुभ माना जाता है। दो या चार के जोड़े में झाड़ू की खरीद न करें। वहीं धनतेरस पर खरीदी गई झाड़ू को दिवाली के दिन सूर्योदय से पहले मंदिर में दान करने से घर में लक्ष्मी आती है।

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