नई दिल्ली। खुद को भगवान विष्णु का अवतार बताने वाले विजय कुमार उर्फ 'कल्कि भगवान' के यहां आयकर विभाग ने छापा मार कार्यवाही की। कलयुग की इस स्वयंभू भगवान के यहां से आयकर विभाग को 500 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति मिली है। जांच दल को इसके यहां से ₹180000000 के अमेरिकी डॉलर एवं ₹50000000 की हीरे भी मिले। बता दें कि विजय कुमार ने खुद को कलयुग का भगवान घोषित कर दिया था। जीवाश्रम नाम की एक संस्था बनाई थी जिसमें बेहिसाब संपत्ति और धन जमा कराया गया।
3 राज्य के 40 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
आयकर विभाग ने 16 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में 'कल्कि भगवान' के नाम से प्रसिद्ध धर्मगुरु के ठिकानों पर छापा मारा था। आयकर विभाग को खुफिया जानकारी मिली थी कि ये संस्था अपनी कमाई को छिपा रही है। इसके बाद आयकर विभाग ने इस संस्था के 40 ठिकानों पर छापा मारा।
18 करोड़ रुपये के अमेरिकी डॉलर, 88 किलो सोना, 5 करोड़ का हीरा
आयकर विभाग की जांच में पता चला कि इस आश्रम के खातों में अनियमितता तो थी ही इसके पास बेहिसाब संपत्ति का भी खजाना था। रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग ने 18 करोड़ रुपये के अमेरिकी डॉलर, 88 किलो सोने के जेवरात, जिसकी कीमत 26 करोड़ रुपये आंकी गई है, 1271 कैरेट हीरा, जिसका मूल्य 5 करोड़ रुपये है, जब्त किया है। अगर 'कल्कि भगवान' के ठिकानों से मिले कुल अघोषित संपत्ति को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 500 करोड़ रुपए को पार कर जाता है।
70 साल का स्वयंभू भगवान है विजय
'कल्कि भगवान' उर्फ विजय कुमार 70 साल का व्यक्ति है। ये शख्स खुद को भगवान विष्णु का 10वां अवतार बताता है। 1980 में इसने जीवाश्रम नाम की संस्था बनाई और लोगों को वैकल्पिक शिक्षा मुहैया कराने लगा। इसी समय में इस शख्स ने वननेस विश्वविद्यालय भी खोला। इसकी संस्था कल्याण पाठ्यक्रम का संचालन करती है। विजय कुमार इससे पहले ये शख्स एलआईसी में क्लर्क था. इस आश्रम को विजय कुमार, उसकी पत्नी और उसका बेटा एनकेवी कृष्णा चलाता है।
विदेशों में संपत्ति
आयकर की जांच में सामने आया है कि इस संस्था का कारोबार देश के अलावा विदेशों में भी फैला हुआ है। इस संस्था ने विदेशों में पैसा लगाया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी इस संस्था ने जमीनें खरीदी है। इस संस्था से जुड़ने वाले में कई विदेशी भी शामिल हैं।