भोपाल। राजनीति का एक ब्लॉकबस्टर ड्रामा इन दिनों मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में चल रहा है। विधायक बाबू जण्डेल और जिलाध्यक्ष ब्रजराज सिंह चौहान आमने सामने हैं। दोनों खुलकर लड़ रहे हैं। श्योपुर की राजनीति में इन दिनों 'रोहित शेट्टी' की फिल्म जैसे धमाके हो रहे हैं। हर रोज नए नए बयान और खुलासे सामने आ रहे हैं। यदि किनारे से देखें तो एक बात समझ आती है। श्योपुर की सेहत के लिए दोनों ही अच्छे नहीं हैं
यह हुआ चौंकाने वाला घटनाक्रम
गौरतलब है कि मंगलवार को विधायक बाबू जण्डेल ने मीडिया को बयान देकर सहायक आयुक्त एलआर मीणा पर 50-50 हजार रुपए लेकर तबादले करने से लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे। मीडिया के उन्हीं कैमरों के सामने सहायक आयुक्त ने पलटवार करते हुए कहा कि विधायक के भाई हंसराज मीणा के कहने पर उन्होंने 15 तबादले किए हैं, विधायक अपने भाई से पूछें कि उन्होंने तबादलों के कितने लाख लिए।
जिला अध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान तत्काल सक्रिय हो गए
यह मामला मीडिया में आया तो कांग्रेस जिला अध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान ने विधायक व उनके भाई पर कमलनाथ सरकार की छवि खराब करने के आरोप लगा दिए। बृजराज सिंह, विधायक व उनके भाई की शिकायत बुधवार की शाम मुरैना में ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले। इसके बाद गुरुवार को दिल्ली जाकर पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने विधायक व उनके भाई की शिकायत की।
विधायक ने जिलाध्यक्ष और असिस्टेंट कमिश्नर की शिकायत की
इधर विधायक बाबू जण्डेल ने सहायक आयुक्त की शिकायत आदिम जाति विभाग के मंत्री से की। इसके अलावा बृजराज सिंह की शिकायत मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के पास भेजी है, जिसमें कहा है कि जिला अध्यक्ष पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं, इसलिए इन पर कार्रवाई की जाए।
तबादलों में हिस्से के लिए दबाव बना रहे जिला अध्यक्ष: जण्डेल
विधायक बाबू जण्डेल ने गुुरुवार को प्रेसनोट जारी कर कांग्रेस जिला अध्यक्ष व पूर्व विधायक बृजराज सिंह चौहान पर आरोप लगाए हैं कि वह अफसरों पर दबाव बनाकर तबादलों की रिश्वत में से हिस्सा मांगते हैं। विधायक ने कहा कि जिन आरएसएस व भाजपा विचारधारा वाले पटवारी व अन्य कर्मचारियों का तबादला किया, उन्हें बृजराज सिंह ने प्रभारी मंत्री पर दबाव बनाकर रुकवा दिया।
बृजराज सिंह चौहान कांग्रेस के बफादार सिपाही नहीं हैं: विधायक
अपने आप को कांग्रेस का हितैषी बताने वाले बृजराज सिंह का इतिहास रहा है कि वह खुद चुनाव लड़ते हैं तभी कांग्रेस के लिए काम करते हैं। जो व्यक्ति टिकट कटने के बाद पार्टी हाईकमान पर रुपए लेकर टिकट बेचने का आरोप लगा सकता है, उसका आज भ्रष्ट अधिकारियों से सुर में सुर मिलाकर चलने से अचंभित नहीं होना चाहिए।
जिलाध्यक्ष को खेत नहीं रेत की चिंता है: विधायक
विधायक के अनुसार, जनता की इतनी चिंता है तो एक बार भी बाढ़ पीढ़ितों के बीच क्यों नहीं गए? सिर्फ फोटो खिंचाने के लिए प्रभारी मंत्री के दौरों के समय फूलछाप कांग्रेसियों को लेकर मुंह दिखाने आ जाते हैं। विधायक ने कहा कि बर्बाद किसानों के खेत नहीं, रेत में दलाली कैसे मिले, इसकी चिंता बृजराज सिंह कर रहे हैं।
सहायक आयुक्त एलआर मीणा की कुर्सी तो गई
सहायक आयुक्त एलआर मीणा द्वारा विधायक बाबू जण्डेल, उनके भाई हंसराज मीणा व दोनों पीए पर लगाए गए आरोपों ने जिले से लेकर भोपाल तक के अफसरों में हडकंप मचा दिया है। एक आला अफसर ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि, सहायक आयुक्त के ऐसे बयानों से वरिष्ठ अफसर बेहद नाराज हैं और सहायक आयुक्त पर कार्रवाई भी तय मानी जा रही है। विधायक बाबू जण्डेल ने सहायक आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग की है, लेकिन आला अफसरों की मानें तो तबादलों में हुई गफलत के आरोप में सहायक आयुक्त का फिलहाल निलंबन और फिर विभागीय जांच हो सकती है। उधर युवा कांग्रेस नेता परितोष सिंह राठौर ने विधायक बाबू जण्डेल को सलाह दी है कि, अगर सहायक आयुक्त मीणा के आरोप फर्जी हैं तो उनके खिलाफ मानहानि का केस करो।