ग्वालियर। भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 14 सितंबर को सुबह 8.41 बजे के बाद से पितृपक्ष आरंभ हो जाएगा। पितृपक्ष के प्रतिपदा तिथि का पहला श्राद्ध तर्पण 14 सितंबर शनिवार को मध्यान्ह व्यापिनी तिथि में होगी। सर्वपितृ अमावस्या पितृ विसर्जन 28 सितंबर शनिवार को होगा।
जिसे महालया पर्व के रूप में संपन्न किया जाता है। सनातनी परंपरा के तीन ऋणों में पितृ ऋण प्रमुख माना जाता है। पितरों को समर्पित आश्विन मास का कृष्ण पक्ष पितृ पक्ष कहा जाता है। आश्विन कृष्ण पक्ष 15 सितंबर से शुरू हो रहा है। हालांकि सनातन धर्म में किसी पक्ष का आरंभ उदया तिथि अनुसार माना जाता है और श्राद्ध-तर्पण का समय दोपहर में होता है, ऐसे में पितृपक्ष प्रतिपदा का श्राद्ध 14 सितंबर को ही किया जाएगा।
इस बार आश्विन कृष्ण पक्ष में त्रयोदशी की हानि से यह पखवारा 14 दिनों का ही होगा। पितृ विसर्जन या सर्व पैत्री श्राद्ध अमावस्या 28 सितंबर को होगी।