भोपाल। मध्य प्रदेश के नीमच-मंदसौर इलाके में बाढ़ से तबाही का मंजर साफ नजर आ रहा है। 50 हजार लोग राहत केंपों में हैं। लोगों को जो नुक्सान हुआ है, उसकी भरपाई कई सालों तक नहीं हो पाएगी। यह सारा नुक्सान केवल प्राकृतिक बारिश के कारण नहीं था, सरकार के कुप्रबंधन के कारण था। अधिकारी कुर्सी बचाने कितने भी बहाने फाइलों में दर्ज कर लें परंतु गांधी सागर बांध में क्षमता से अधिक पानी रोका गया और इसी के कारण रिंगवाल डेमैज हुई। यहां से निकला पानी तबाही का रूप लेकर इलाकों में घुसता चला गया।
नीमच मंदसौर की रक्षा करने वाली रिंगवाल डेमैज हुई
पत्रकार श्री मुस्तफा हुसैन की रिपोट्र के अनुसार गांधी सागर झील के कैचमेंट एरिया में क्षमता से ज़्यादा पानी आ गया था। इसी वजह से रिंगवॉल डैमेज हुई और पानी यहां वहां चारों तरफ भरता चला गया। सरहदी गांव में बाढ़-मध्य प्रदेश में इस बार रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई। यही वजह है कि एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर के कैचमेंट एरिया में क्षमता से ज़्यादा पानी पहुंच गया। गांधी सागर डैम का लेवल भी उसकी क्षमता से अधिक ऊंचा ले जाया गया। पानी का अथाह भंडार होने के कारण नीमच मंदसौर के सरहदी गाँवों को प्रोटेक्ट करने वाली रिंगवाल पानी का दबाव नहीं सह पायी और वो डेमैज हो गयी।
प्रभारी मंत्री ने माना और रिपेयरिंग के निर्देश दिए
डैमेज हुई रिंगवॉल-बैक वॉटर ज़्यादा तेजी से इन सरहदी गांवों में घुस गया। पानी नीचे उतरने के बाद टूटी हुई रिंगवॉल साफ़ तौर पर दिखाई दे रही है। ज़िले के दौरे पर आए प्रभारी मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा ने भी माना कि रिंगवॉल डैमेज हुई है और इसकी रिपेयरिंग के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। विभाग को 70 लाख रुपए की राशि 100 हॉर्स पॉवर की मोटर खरीदने के लिए दी है जिससे पानी तोड़ा जा सकें