ग्वालियर। जयारोग्य अस्पताल (Jayarogy hospital) में स्ट्रेचर प्वाइंट (Stretcher point) बनाने आउटसोर्स पर 27 कर्मचारी नियुक्त होने थे। दिलचस्प बात ये है कि कागजों में हाइट्स कंपनी (Heights Company) ने यह कर्मचारी जेएएच में तैनात भी कर दिए हैं, मगर जेएएच (JAH) अधीक्षक को ही इसकी जानकारी नहीं है। जिसके कारण अस्पताल में आने वाले मरीजों को अटेंडेंट ही स्ट्रेचर पर ढो रहे हैं।
बीते रोज चिकित्सा शिक्षा मंत्री (Medical Education Minister) के सामने जब यह मामला आया तो हाइट्स कंपनी के अफसरों को फटकार लगाते हुए सुपरवाइजर पर कार्रवाई करने की बात भी कही। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ (Vijay Laxmi Sadho) जब 5 माह पहले जयारोग्य अस्पताल में निरीक्षण के लिए आई थीं तो अटेंडेंट को मरीज ढोते देख खासी नाराजगी जताई थी। इसके बाद अस्पताल में स्ट्रेचर प्वाइंट बनाने का निर्णय लिया गया था। जिसके लिए 27 कर्मचारी हाइट्स कंपनी को उपलब्ध कराने थे।
बीते रोज चिकित्सा शिक्षा मंत्री (Medical Education Minister) के सामने जब यह मामला आया तो हाइट्स कंपनी के अफसरों को फटकार लगाते हुए सुपरवाइजर पर कार्रवाई करने की बात भी कही। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ (Vijay Laxmi Sadho) जब 5 माह पहले जयारोग्य अस्पताल में निरीक्षण के लिए आई थीं तो अटेंडेंट को मरीज ढोते देख खासी नाराजगी जताई थी। इसके बाद अस्पताल में स्ट्रेचर प्वाइंट बनाने का निर्णय लिया गया था। जिसके लिए 27 कर्मचारी हाइट्स कंपनी को उपलब्ध कराने थे।
दिलचस्प बात ये है कि कंपनी ने कागजों में कर्मचारी उपलब्ध भी करा दिए, मगर वह अस्पताल में कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। अटेंडेंट पहले तो स्ट्रेचर के लिए इधर-उधर भटकते हैं, फिर मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर एक विभाग से दूसरे विभाग में चक्कर लगाते रहते हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि इन कर्मचारियों की जानकारी जेएएच अधीक्षक तक को नहीं है। अधीक्षक कार्यालय से लेकर डीन कार्यालय को पत्र भी लिखा जा चुका है।
अधीक्षक कार्यालय को नियुक्त कर्मचारियों की जानकारी ही नहीं थी। ऐसे में इन कर्मचारियों को बिना काम के ही अब तक वेतन मिल रहा था। यदि मंत्री नहीं आतीं तो शायद कर्मचारियों की नियुक्ति का पता भी नहीं चलता और कागजों में तैनात कर्मचारियों का वेतन भी जारी होता रहता।
डीन बोले-कर्मचारी नियुक्त कर दिए, अधीक्षक बोले हमें नहीं पताः
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ के सामने बीते रोज जब यह मुद्दा आया तो डीन ने कहा कि हमने तो 27 कर्मचारी नियुक्त कर दिए हैं। जबकि अधीक्षक डॉ.अशोक मिश्रा ने कहा कि हमें तो अब तक कर्मचारियों की कोई सूची ही नहीं मिली है। जब हाइट्स कंपनी के सुपरवाइजर को बुलाया तो उसने हाथ के इशारे से कहा कि हमने तो डीन साहब को सूची भी दे दी है। इस पर मंत्री ने फटकार लगाते हुए कहा कि जेएएच अस्पताल की जिम्मेदारी अधीक्षक की है, आपने इनको कर्मचारियों की जानकारी क्यों नहीं दी। साथ ही सुपरवाइजर के व्यवहार को लेकर भी मंत्री ने नाराजगी जताई है।