मंत्री घनघोरिया को हाईकोर्ट के प्रति आस्था प्रदर्शित करनी होगी नहीं तो जेल | JABALPUR NEWS

जबलपुर। कमलनाथ सरकार के मंत्री लखन घनघोरिया के सामने अजीब सी चुनौती आ गई है। उन्हे 4 अक्टूबर से पहले हाईकोर्ट के प्रति अपनी आस्था प्रकट करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया तो उन्हे जेल भी जाना पड़़ सकता है। मामला हाईकोर्ट की अवमानना का है। आरोपी मंत्री लखन घनघोरिया हैं और उनके खिलाफ सारे साक्ष्य उपस्थित हैं। 

मामला क्या है

जबलपुर के सिद्धबाबा पहाड़ी पर सैकड़ों लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है। जबलपुर हाईकोर्ट ने सारा अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। 15 सितंबर को एक कार्यक्रम के दौरान मप्र में कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने अतिक्रमणकारियों के पक्ष में बयान दे दिया। उन्होंने कहा था कि कोई भी सिद्ध बाबा पहाड़ी से अतिक्रमण नहीं हटा सकता।

हाईकोर्ट की अवमानना

इसे हाईकोर्ट की अवमानना मानते हुए अधिवक्ता श्रेयस पंडित ने एक जनहित याचिका दायर कर दी थी। बीते मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने पूरे घटनाक्रम पर नाराज़गी जाहिर की। साथ ही हाईकोर्ट बंद कर देने तक की बात कह डाली थी।

मंत्री लखन घनघोरिया ने माफी मांगी फिर भी बात नहीं बनी

प्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर के मुताबिक आज हुई सुनवाई के दौरान पूरे मामले में मंत्री लखन घनघोरिया ने जबलपुर हाईकोर्ट में बिना शर्त माफ़ी मांग ली। हालांकि माफी मांगने के बावजूद हाईकोर्ट की नाराज़गी कम नहीं हुई। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, अगर सरकार के मंत्री हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मानेंगे तो फिर काम कैसे होगा। मंत्री की माफ़ी पर अदालत ने कहा उन्हें आगे भी ऐसे काम करने होंगे जिससे ये साबित हो कि उनके दिल में हाईकोर्ट के प्रति आस्था है। हाईकोर्ट ने सरकार से 2 हफ्तों में शपथ पत्र पर जवाब भी मांगा है। अब इस मामले पर 4 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

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