INSURANCE के पैसे दिलाने के नाम पर की 65 लाख रुपए ठगी | INDORE NEWS

इंदौर। राज्य साइबर सेल (State cyber cell) ने ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो बीमा, आरबीआई, जीएसटी, इनकम टैक्स और आईआरडीए अफसर (Insurance, RBI, GST, Income Tax and IRDA Officer) बनकर देशभर में करोड़ों की ठगी कर रहे थे। आरोपितों ने नामी टेक्सटाइल मिल से रिटायर्ड जनरल मैनेजर से भी 65 लाख रुपए ठगे थे। गिरोह में कई लड़कियां, लड़के और सीए भी शामिल हैं। आरोपितों से भारी संख्या में पैन, आधार, वोटर कार्ड, रबर सीलें सहित डेबिट व क्रेडिट कार्ड और बैंकों की पासबुक, मोबाइल, लैपटॉप मिले हैं।  
एसपी (साइबर) जितेंद्र सिंह के मुताबिक, सेवा सरदार नगर निवासी 75 वर्षीय हरिकृष्ण रामशंकर शुक्ला (Harikrishna Ramshankar Shukla) की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। शुक्ला टेक्सटाइल मिल एस.कुमार से रिटायर्ड हुए हैं। उन्होंने वर्ष 2011 में पत्नी ओमवती, भाई की पत्नी कल्पना और स्वयं के नाम से निजी बीमा कंपनी में बीमा करवाया और करीब 1 लाख 22 हजार रुपए जमा कर पॉलिसी बंद कर ली। एक वर्ष बाद प्रिया शर्मा का कॉल आया और कहा कि वह रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी (Reliance Insurance Company) से बोल रही है और उनके द्वारा जमा करवाए रुपए दिलवा सकती है। 

प्रिया ने अलग-अलग स्कीम बताई और करीब आठ लाख रुपए जमा करवा लिए। इसके कुछ समय बाद राजौरिया व ठाकुर नामक व्यक्तियों ने कॉल किया और कहा कि वे इनकम टैक्स अफसर हैं। झांसेबाजी कर दोनों ने करीब दो लाख रुपए जमा करवा लिए। कुछ दिन बाद एनके राव, केएन दास व विक्रम चौहान का फोन आया और कहा कि वे बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) में उच्च पदों पर हैं। विभाग बंद पॉलिसी और ग्राहकों द्वारा जमा करवाए रुपए वापस करवाने में मदद करता है। आरोपितों ने विभिन्ना तरह की योजनाएं बताईं और करीब 15 लाख रुपए अलग-अलग खातों में जमा करवा लिए। इसी तरह वशिष्ठ, नवीन शुक्ला, मोहित वर्मा ने जीएसटी और आलोक नाथ ने आरबीआई अफसर बनकर छह साल के भीतर लाखों रुपए जमा करवा लिए। शक होने पर शुक्ला ने छानबीन की तो आरोपितों ने फोन उठाना ही बंद कर दिया।

दिल्ली में पकड़े गए ठग 

एसपी के मुताबिक, स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने जांच के लिए एसआईटी गठित की और आरोपितों की तलाश में टीमें भेजीं। छानबीन में आरोपितों के पते और नाम फर्जी पाए गए। तकनीकी आधार पर पता चला कि आरोपित जनकपुरी (दिल्ली) में लोन दिलाने के नाम पर टेली कॉलिंग का ऑफिस संचालित कर रहे हैं। निरीक्षक अंबरीश मिश्रा और प्रधान आरक्षक रामप्रकाश बाजपेई, रामपाल नौकरी के बहाने करीब सात दिन आरोपितों के ऑफिस गए और गोपनीय जानकारी जुटा ली। आने-जाने व ठिकानों की जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपित वरुण कुमार पिता चंद्रकिशोर सिंह उर्फ अभिषेक सिंह उर्फ अभिषेक मिश्रा, सूरज राय उर्फ इंदरसिंह, जितेंद्र शर्मा उर्फ रौनक साहू पिता राकेश शर्मा और सुमित कुमार उर्फ दीपक भारती को गिरफ्तार कर लिया।

लड़कियों ने फंसाया

जांच में पता चला कि आरोपित टेली कॉलिंग कंपनी खोलकर सालों से इसी तरह ठगी कर रहे हैं। आरोपितों ने एक सीए का नाम बताया है जो विभिन्ना नामों से फाइनेंशियल सर्विस कंपनियां खुलवाता था। उनके इनकम टैक्स भी जमा करवाता था। एक व्यक्ति के चार पैन कार्ड बनवा देता था। वह अलग-अलग नामों से बैंक में खाते खुलवा लेते थे। कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़कियों से लोगों को कॉल करवा कर विभिन्ना योजनाओं के नाम से रुपए जमा करवा लेते थे। पुलिस को मौके से एक रजिस्टर मिला है जिसमें ग्राहक, कॉलर और जमा करवाई राशि का हिसाब है। आरोपितों के विरुद्ध भोईवाड़ा मुंबई में भी केस दर्ज है।
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