इंदौर। इंदौर में सस्ता फ्लैट बेचने का झांसा देकर आरोपितों ने एक व्यक्ति से लाखों रुपए ठग लिए। आरोपितों से जब रुपए वापस मांगे, तो उन्होंने इंकार कर धमकाना शुरू कर दिया। रजिस्ट्री ऑफिस में आरोपितों ने लिखा पढ़ी कर नकद रुपए लिए थे। शिकायत पर आरोपितों पर ओमती पुलिस ने मामला कायम कर लिया है।
प्रेम सागर निवासी पवन देवक (Pawan Devak) की मुलाकात चार साल पहले इंदौर निवासी आरिफ (Aarif) से हुई थी। आरिफ और पवन ने भवन निर्माण का काम किया था। दोनो के बीच पारिवारिक संबंध हो गए थे, जब भी पवन इंदौर जाता था उसकी आरिफ से मुलाकात होती थी। आरिफ ने उसे नागदा निवासी विजय दुबे (Vijay Dubey) और आजाद नगर निवासी राशिद खान (Rashid Khan) से मिलवाया। तीनों प्रापर्टी ब्रोकर (Property broker) का काम करते हैं।
आरिफ बिल्डिंग मालिक धर्मपाल टेकचंदानी की निर्माणाधीन बिल्डिंग में सुपरवाइजर का काम कर रहा था। आरिफ ने उसकी मुलाकात बिल्डिंग मालिक धर्मपाल और निखिल कोठारी से कराई। अच्छी लोकेशन होने की वजह से वहां पर पवन ने फ्लैट खरीने की इच्छा जाहिर की। जिस पर बिल्डिंग मालिक धर्मपाल और उसके बेटे धीरज व पार्टनर निखिल कोठारी ये फ्लैट खरीदने की बात कही। विजय दुबे, रशीद ने उसे समझाया और यह भी कहा कि फ्लैट कुछ दिन बाद बेचने पर ही दोगुनी कीमत मिल जाएगी। उसने परिजन से चर्चा करने के बाद फ्लैट खरीदने को कहा। जिसके बाद से ही विजय दुबे, निखिल कोठारी, धर्मपाल टेकचंदानी और रशीद कीमती कार से उसके घर आए और बातचीत कर झांसा देकर उसे फंसा लिया।
23 सितंबर 2015 को कलेक्टर कार्यालय में एक नोटराइज एग्रीमेंट व अलाटमेंट लेते हुए विजय दुबे, रशीद, धर्मपाल, निखिल ने नोटरी के सामने 20 लाख रुपए लिए। वहीं बाकि की रकम 8 लाख रुपए उसने किश्तों में बिल्डिंग मालिक को दिए। फ्लैट की रकम देने पर उसके नाम से रजिस्ट्री नहीं की और सभी ने मिलना व बातचीत करना बंद कर दिया। वह जब भी बिल्डिंग देखने जाता था वहां काम बंद रहता था। कई बार उन सभी को फोन किया, लेकिन सभी के फोन बंद मिलते थे।
पवन 15 सितंबर 2018 को इंदौर गया था, जहां देखा कि उसके फ्लैट में एक नेम प्लेट लगी थी। जिसमें महेश अग्रवाल लिखा था। उसने पतासाजी की, तो जानकारी मिली कि फ्लैट की अंकित गर्ग व महेश अग्रवाल के नाम से रजिस्ट्री कर दी गई है। पांचों लोगों में से किसी से भी उसका संपर्क नहीं हो पा रहा है। जब उसने कार्रवाई के लिए कहा, तो विजय दुबे ने उसे जान से मारने की धमकी दी।
जांच में पता चला कि सभी ठग है। इसमें मास्टर माइंड राजू टेकचंदानी और निखिल कोठारी हैं। इंदौर में निखिल कोठारी के खिलाफ बहुत से प्रकरण दर्ज हैं जो लसुडिया और तुकोगंज थाने में वांटेड है। ये लोग इंदौर के ठग हैं सभी ने उससे फ्लैट विक्रय करने का अनुबंध कर 28 लाख रुपए लेकर उसके फ्लैट को किसी और को बेच दिया है। शिकायत की जांच में पाया गया कि सूर्य शक्ति ग्रह निर्माण सहकारी संस्था और अटलानटा कंस्ट्रक्शन कंपनी इंदौर के मालिक निखिल कोठरी, धर्मपाल टेकचंदानी, धीरज टेकचंदानी, रशीद खान, विजय दुबे ने धोखाधड़ी की है।