भोपाल। मध्य प्रदेश के 1000 सरकारी हायर सेकंडरी स्कूलों को प्राइवेट ऐजेंसियों को सौंपने की तैयारी हो रही है। फिलहाल यह बताया जा रहा है कि प्राइवेट ऐजेंसियां केवल स्कूलों की साफ-सफाई और सुरक्षा के लिए तैनात की जा रहीं हैं।
शिक्षकों को रिफ्रेशर ट्रेनिंग दी गई है
स्कूल शिक्षा विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डीएस कुशवाह का कहना है कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में जो काम शुरू किए गए हैं, उसी के तहत यह सब होगा। राज्य सरकार और खासकर स्कूल शिक्षा विभाग इस बात को लेकर खासा चिंतित है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता कैसे बढ़ाई जाए। इसी दिशा में काम शुरू किया है। सबसे पहले इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों का चयनकर उन्हें रिफ्रेशर ट्रेनिंग देना शुरू किया गया है। संभवत: अक्टूबर के महीने से यह प्रोजेक्ट जमीन पर आने की संभावना है।
हर स्कूल में कम से कम दो स्मार्ट क्लास
एक जरूरी सुझाव जिस पर विभाग अमल करने जा रहा है। इसमें हर स्कूल में कम से कम दो विषयों की स्मार्ट क्लास का होना जरूरी है। गुणवत्ता योजना में शामिल एक हजार स्कूलों में दो-दो स्मार्ट क्लास बनाए जाने की तैयारी है।
अगले महीने तक सभी पद भरेंगे
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सुझावों में एक सुझाव स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के हर विषय के पदों को भरे जाने का भी था। अधिकारियों की मानें तो यह प्रक्रिया भी हाल ही में हुईं नियुक्तियों से अगले महीने तक पूरी कर ली जाएगी।
दिल्ली से लेकर कोरिया तक दौरे
कुछ महीनों पहले दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में हुए सुधार व गुणवत्ता को देखने के लिए अधिकारियों का दल गया था, आने के बाद उन्होंने कई सुझाव दिए, उनमें से कुछ को लागू किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी के नेतृत्व में एक दल कोरिया गया था, जो वहां के शिक्षा मॉडल को अपनाने संबंधी सुझाव देगा।
700 शिक्षक-प्राचार्य की हुई ट्रेनिंग
अधिकारियों का कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में शुरुआती कदम उठाए जा चुके हैं। इसके तहत प्रदेशभर के करीब 700 शिक्षकों व प्राचार्य को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने संबंधी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। चार से पांच दिन की यह ट्रेनिंग भोपाल के आईकफ आश्रम और प्रशासनिक अकादमी में लगातार जारी है।