भोपाल। हनी ट्रैप मामले में ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार की गई राजगढ़ जिले की रहने वाली बीएससी की छात्रा मोनिका यादव का एक बयान सामने आया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मोनिका यादव ने आरती दयाल को साजिश का मास्टर माइंड बताया है। साथ ही यह भी बताया है कि आरती दयाल ने सरकारी नौकरी का लालच देकर उसे इस गंदे धंधे में खींच लिया।
आरती दयाल की हाईफाई फेसबुक प्रोफाइल देखकर मोनिका प्रभावित हो गई थी
छात्रा के अनुसार आरती मैडम से मेरी दोस्ती 6 महीने पहले फेसबुक पर हुई थी। उनकी प्रोफाइल देखने के बाद मैं उनसे जुड़ गई, क्योंकि मैं भोपाल के एक होस्टल में रहकर पढ़ाई करती हूं। गरीब परिवार से हूं और पिता नरसिंहगढ़ में किसान हैं। मुझे नौकरी की जरूरत थी। इसलिए मैंने आरती मैडम से मदद मांगी।
इंजीनियर ने अपने हाथ से 8000 रुपए दिए थे
मैडम ने मुझे भोपाल के एक होटल में निगम इंजीनियर हरभजन सिंह से मिलवाया। फिर इंजीनियर दो-तीन बार और भोपाल आए। वहां मुझसे होटल में मिले। पहले मेरे साथ आरती मैडम कमरे में रहती थी और इंजीनियर के आते ही चली जाती थी। वैसे इंजीनियर से वे इसके बदले में क्या डिमांड करती थी, ये वे ही जाने, लेकिन इंजीनियर ने एक बार मुझे आठ हजार रुपए दिए थे। मैं अफसर बनने का सपना लेकर भोपाल आई थी, पर आरती से दोस्ती में सब बर्बाद हो गया।
मैंने आज तक अपना वीडियो नहीं देखा है
उससे दोस्ती कर गलती कर दी। वह लोगों पर काफी रौब बताती थी, जिससे मैं प्रभावित हो गई। वह खुद को सरकारी कॉन्ट्रैक्टर बताकर बड़े लोगों से मिलती। मुझे पहली बार भोपाल की होटल में इंजीनियर से मिलवाया, तो वह बाहर चली गई थी। हमारा वीडियो कब बना लिया, मुझे भी पता नहीं चला। मैंने आज तक वीडियो नहीं देखा है, पुलिस से इसका पता चलने पर मैं भी चौंक गई।
पक्की नौकरी के नाम पर इंदौर लाई थी
दो-तीन बार हम इंदौर की होटल में भी मिले हैं। चार दिन पहले आरती मैडम मिली तो बोली कि इंदौर चलो, तुम्हारी पक्की नौकरी लगने वाली है। मैंने घरवालों को बोल दिया कि पांच दिन बाद नौकरी की मिठाई लेकर लौटूंगी, लेकिन यहां आते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरती 50 लाख रुपए लेने के लिए मुझे इंदौर लाई थी।