भोपाल। कहते हैं ना कि हत्या के सारे सबूत मिटा दीजिए, फिर भी अदृश्य ताकतें हत्याकांड का खुलासा कर ही देती है। इस मामले में कुछ ऐसा ही हुआ है। कटारा हिल्स में रहने वाले रामजी लाल इवने की हत्या इस तरह से की थी कि कभी किसी को पता नहीं चल पाता, परंतु जब इंसान कुछ नहीं कर पाए तो एक लावारिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
रामजी लाल इवने आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित लोगों को लोन दिलवाने का काम करते थे। 20 अगस्त को वो लापता हो गए। पुलिस ने उनकी कॉल डीटेल्स मंगवाईं। इसी बीच कटारा हिल्स पर एक लावारिस लाश मिली। हाथ में कलावा देखकर भाईयों ने लाश की शिनाख्त रामजी लाल इवने के रूप में कर दी और प्रक्रिया पूरी करके लाश का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इधर पुलिस के पास कॉल डीटेल्स आ गईं। पुलिस ने कॉड रिकॉर्ड पर नजर डाली तो 16 अगस्त को रामजी लाल इवने के नंबर पर एक अन्य नंबर से बहुत सारे कॉल आए थे। पुलिस ने पूछताछ के लिए कॉल करने वाले राधेश्याम को बुलवा लिया। राधेश्याम ने पुलिस को बताया कि उसने रामजीलाल इवने से लोन के लिए बात की थी। इसी सिलसिले में कई बार बातचीत हुई।
रामजी लाल इवने की लाश मिल चुकी थी। पुलिस के पास केस को ओपन रखने का कोई कारण नहीं था अत: राधेश्याम को छोड़ दिया गया लेकिन इसी दौरान पुलिस को राधेश्याम के घर रामजी लाल इवने की बाइक रखी दिख गई। पूछताछ की प्रक्रिया फिर से शुरू हुई और इस बार अदांज अलग था।
राधेश्याम टूट गया। उसने बताया कि उसने अपने एक और दोस्त अर्जुन के साथ मिलकर रामजी लाल को रायसेन जिले के नूरगंज में एक गहरी खाई में धक्का देकर गिराकर मार डाला था। क्योंकि रामजीलाल इवने ने लोन पास कराने के नाम पर 25 हजार रुपए ले लिए थे और वापस नहीं लौटा रहा था। राधेश्याम की बताई जगह से रामजीलाल का शव भी मिल गया। रायसेन में मिले शव की शिनाख्त बतौर रामजी लाल उनके भाइयों ने शव के जूते को देखकर की। इस तरह रामजीलाल इवने की हत्या का खुलासा हो गया लेकिन एक नया प्रश्न उपस्थित हो गया। कटारा हिल्स में मिली लाश किसकी थी।