भोपाल। दुर्गा विसर्जन के जुलूस में डीजे संचालक फिल्मी गाने नहीं बजा पाएंगे। सिर्फ धार्मिक गाने बजाने की अनुमति रहेगी। जुलूस में शामिल होने वाले डीजे संचालकों को एसडीएम और पुलिस से अनुमति लेना होगी। साथ ही चल समारोह में अनुमति का लेटर भी साथ में रखना होगा। डीजे की गाड़ी में सिर्फ चार बॉक्स लगाने की अनुमति दी जाएगी, बेस नहीं लगा सकेंगे।
डीजे संचालकों की बैठक बुलाई जाएगी
जिला प्रशासन के अफसरों ने बताया कि डीजे संचालकों की बैठक बुलाकर इस बारे में समझाइश दी जाएगी, ताकि बाद में विवाद की कोई स्थिति न बने। एडीएम सतीश कुमार एस ने बताया कि डीजे संचालकों को यह भी हिदायत दी जाएगी कि चल समारोह में साउंड का इस्तेमाल तय डेसीबल से ज्यादा न किया जाए। डीजे संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप मलोढिया ने बताया कि शहर में करीब 300 डीजे संचालक है, जो अपना कारोबार करते हैं। साथ ही 150 से ज्यादा बैंड संचालक काम कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
डीजे संचालक बोले नियमों का पालन करेंगे
डीजे संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप मलोढिया ने बताया कि शहर में करीब 300 डीजे संचालक है, जो अपना कारोबार करते हैं। साथ ही 150 से ज्यादा बैंड संचालक काम कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा। सभी को अनुमति लेने की सूचना दी गई है, ताकि कोई बिना अनुमति के डीजे का संचालन न करें।
बैंड और डीजे संचालकों के लिए पुलिस ने जारी की गाइडलाइन
बैंड और डीजे बजाने वाले व्यक्ति का पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। बिना अनुमति कोई बैंड और डीजे नहीं बजेगा।
डीजे और बैंड संचालकों को अपने पास एक रजिस्टर रखना होगा, इसमें बुकिंग करने वाले का नाम, पता, समय और मोबाइल नंबर की जानकारी जरूरी।
संचालन के समय संचालक इस बात का ध्यान रखे कि उनके संगीत से किसी को तकलीफ न हो।
डीजे में चार से ज्यादा बॉक्स का इस्तेमाल न किया जाए, यदि ऐसा किया जाता है तो उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।
धार्मिक कार्यक्रमों में फिल्मी गानों न बजाए जाएं, सिर्फ धार्मिक गाने बजाए जाएं।
विवाद की स्थिति निर्मित होने पर डीजे संचालक के खिलाफ कानून कार्रवाई की जाएगी, डीजे राजसात भी किया जा सकता है।