भारत के इतिहास में पहली बार किन्नरों की शादी | Tista Das weds Dipan Chakraborty

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। किन्नर, ट्रांसजेंडर या इंटरसेक्स पीपल, इतिहास में आज तक कभी विवाह का उल्लेख नहीं मिलता। पहली बार भारत के कोलकाता शहर में 2 किन्नरों के बीच विवाह का समाचार आ रहा है। कोलकाता में LGBT समुदाय के लिए ‘रेनबो वैडिंग’ का अपनी तरह का ये पहला वाकया है। तीस्ता दास और दीपन चक्रवर्ती ने अपनी शादी का एलान इस साल अप्रैल में ही कर दिया था।

तीस्ता दास और दीपन चक्रवर्ती ने शादी की

38 वर्षीय तीस्ता कोलकाता के ट्रांसजेंडर समुदाय का जाना पहचाना नाम हैं। उन्होंने फिल्मों और टीवी पर अभिनय भी किया है। वहीं 40 वर्षीय दीपन का ताल्लुक असम के लुमडिंग से है। तीस्ता और दीपन की मुलाकात कुछ वर्ष पहले हुई। इस साल अप्रैल में ‘ट्रांसजेंडर डे ऑफ विज़िबिलिटी’ पर दोनों ने जीवनसाथी बनने का फैसला किया।

तीस्ता बंगाल की वोटर आईकार्ड वाली पहली ट्रांससेक्सुअल महिला

बता दें कि तीस्ता के नाम बंगाल की वोटर आईकार्ड वाली पहली ट्रांससेक्सुअल महिला होने की उपलब्धि है। तीस्ता ने कहा, “हम सब उल्लासित हैं, ना सिर्फ मैं वो हर शख्स जिसने हमें समर्थन दिया उल्लासित हैं। ये बहुत कठिन सफ़र था। हमें कड़ी सामाजिक रूढ़ियों का सामना करना था। इसलिए ये दिन हमारी ज़िंदगियों में खास महत्व रखता है। क्या नया जुड़ा है वो ये तथ्य है कि हम अपना जीवनसाथी चुन सकते हैं।

पूरे समाज के लिए ये नई शुरुआत है: दीपन चक्रवर्ती

दीपन भी खुशी का इजहार करते नहीं थकते। दीपन कहते हैं, 'ये नई शुरुआत के लिए उठाया गया छोटा कदम है। ना सिर्फ हमारी ज़िंदगी में बल्कि पूरे समाज के लिए ये नई शुरुआत है। हम सिर्फ उम्मीद करते हैं कि इससे संदेश जाएगा और लोगों को अहसास होगा कि हम भी इंसान हैं। मैं सिर्फ उम्मीद कर सकता हूं कि लोगों की जेहनी सोच बदलेगी और लोग भय से बाहर आएंगे।

दीपन का परिवार नहीं आया

दीपन का परिवार जहां इस आयोजन से दूर रहा। वहीं तीस्ता की मां ने उसका मज़बूती से समर्थन किया। तीस्ता का जन्म कोलकाता के उपनगर में सुशांतो दास यानी लड़के के तौर पर हुआ। बचपन में तीस्ता को जेंडर डिस्फोरिया डायग्नोज़ हो गया। 2004 में तीस्ता ने सेक्स चेंज (सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी- SRS) के बाद खुद को ट्रांस-वूमैन के तौर पर पहचान दी। उसके बाद से ही तीस्ता ट्रांससेक्सुअल्स के अधिकारों के लिए जम कर आवाज़ उठाती रहीं। इस विषय में जितनी भी भ्रांतियां और पूर्वाग्रह थे, तीस्ता ने हर मौके पर उन्हें चुनौती दीं।

ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया

तीस्ता और दीपन की शादी में बड़ी संख्या में कोलकाता के ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। पश्चिम बंगाल ट्रांसजेंडर बोर्ड की सदस्य रंजिता सिन्हा ने भी तीस्ता और दीपन को बधाई दी। सिन्हा ने कहा, “मैं इस शादी में शामिल हुई क्योंकि हमारे संघर्ष में तीस्ता लंबे समय की कामरेड हैं। 

इस शादी के कारण कहीं हमारे संघर्ष से ध्यान ना हट जाए

रंजिता सिन्हा ने कहा मैं उनकी निजी पसंद के लिए खुश हूं लेकिन साथ ही ये फ़िक्र भी है कि ट्रांसजेंडर अधिकारों को महिला अधिकारों से जोड़ने का भ्रम हो सकता है। ट्रास-वूमैन को आख़िर क्यों सामाजिक बराबरी के लिए पितृसत्ता को स्वीकार करने की ज़रूरत है।” सिन्हा के मुताबिक ट्रांसजेंडर्स को अब भी विरासत जैसे ज़्यादातर अधिकार हासिल नहीं है जो अन्य किसी नागरिक को हासिल होते हैं। सिन्हा ने कहा, “जब हमारी स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार तक पहुंच नहीं है तो मुझे डर है कि इस अकेली ट्रांसजेंडर शादी को लेकर मीडिया का फोकस हमारी असली लड़ाई के प्रतिकूल हो सकता है। हमें अपनी बड़े संघर्ष से ध्यान नहीं हटने देना चाहिए।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!