आजकल सबकुछ स्मार्ट हो गया है। कार भी स्मार्ट है। मोबाइल एप इंस्टॉल होता है। स्मार्टफोन या आईफोन से ऑपरेट होती है। दरवाजे खुल जाते हैं, इंटर स्टार्ट हो जाता है लेकिन क्या कभी सोचा है कि यदि मोबाइल एप ही हैक हो गया तो...? जी हां, 60 हजार कारों का एप हैक हो गया है।
Jmaxxz हैंडल वाले एक हैकर ने रिमोट बेस्ड ऑटोमोबाइल ऐप्स की गड़बड़ी शेयर की है, जिसकी मदद से करीब 60,000 कारों का डेटा हैकर्स को एक्सपोज हो गया। Wired की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉस वेगस में हुई डेफकॉन हैकर्स कॉन्फ्रेंस में इस हैकर ने 'MyCar' सिस्टम की कई कमियों और उन खामियों का जिक्र किया, जिनकी वजह से डेटा चोरी और अटैक्स संभव है।
MyCar सिस्टम को कनाडा की कंपनी ऑटोमोबिलिटी ने डिवेलप किया है। इस सिस्टम के एक्सपोज्ड डेटाबेस को स्कैन करने के बाद Jmaxxz ने दावा किया कि सिक्यॉरिटी बग्स की वजह से करीब 60,000 कारों का डेटा हैकर्स के लिए ओपन था। ऐसे में हैकर्स न सिर्फ कारों से जुड़ा डेटा चुरा सकते थे, बल्कि तय कर सकते थे कि उन्हें कौन सी या किस मॉडल नंबर की कार चुरानी है।
अपराध में डेटा का इस्तेमाल
हैकर अपराध करने के लिए या उनमें मदद करने के लिए इस डेटा का गलत इस्तेमाल कर सकते थे। MyCar सिस्टम की डिवाइसेज और ऐप्स दरअसल रेडियो बेस्ड रिमोट स्टार्ट डिवाइसेज जैसे Fortin, CodeAlarm और Flashlogic से जीपीएस की मदद से कनेक्ट हो जाते हैं। इस तरह सेल्युलर कनेक्शन के अलावा इंटरनेट कनेक्शन की मदद से इसकी रेंज बढ़ाई जा सकती है।
जानलेवा हो सकता है खतरा
हैकर Jmaxxz ने दावा किया कि ऐसे ग्लिच का खतरा कारों की चोरी या अलार्म ट्रिगर करने वाली प्रैंक्स से कहीं ज्यादा है। इसकी मदद से दूर से कार को स्टार्ट किया जा सकता है और बिना कार के मालिक को पता चले कार स्टार्ट करने पर कार्बन मोनोऑक्साइड लीक होती है, जो जानलेवा तक साबित हो सकती है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए MyCar की पैरंट कंपनी ने कहा कि सभी रिसोर्सेज को इंप्रूव करते हुए इस स्थिति से निपटने की कोशिश की जा रही है।