अतिथि शिक्षकों को सीएम कमलनाथ से बड़ी उम्मीद थी | KHULA KHAT

रतीराम गाडगे। बड़ी उम्मीद थी कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने संबोधन में अतिथि शिक्षकों के नियमि​त करने की घोषणा करेगे। नियमित करना तो दूर की बात है उन्होंने अपने पूरे भाषण में अतिथि शिक्षक पद नाम तक नही लिया।

बता दे प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को कमलनाथ सरकार से बड़ी उम्मीद हैं और अतिथि शिक्षक धैर्य बनाकर चल रहे हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार से आश लगाये बैठे थे कि स्वतंत्रता के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री अपने संदेश में नियमित करने की घोषणा करेंगे। घोषणा करना तो दूर की बात है। अतिथि शिक्षकों का जिक्र तक नही किया। जबकि कांग्रेस पार्टी के नेता मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने घोषणा पत्र में इस बात का वचन दिया था कि सरकार बनते ही अतिथि शिक्षको को नियमित कर देगे। 

अब जब सरकार बन गईं, तो नियमित करने की जगह अतिथि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में कायदा कानून बनाकर आठ दस साल से लगातार शिक्षण कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों को स्कूलों से बाहर कर दिया। ऐसे अतिथि शिक्षकों के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया। क्योकि अब वे बेरोजगार हो गए। कांग्रेस के मुख्यमंत्री कमलानाथ को चाहिऐ, अतिथि शिक्षकों के पक्ष में बिना देर कियें उचित निर्णय लेकर अपनी नीति सार्वजनिक कर देना ही ठीक हैं।

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