JYOTIRADITYA SCINDIA क्या राजमाता का किस्सा दोहराने वाले हैं | MP NEWS

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद की लड़ाई अब प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया इस पद के लिए काफी गंभीर हैं और सीएम कैंडिडेट पद से 2 बार समझौता करने के बाद अब किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं हैं। इधर कमलनाथ की कलाबाजियां और दिग्विजय सिंह की जादूगरी भी कमजोर नहीं है। एक बार फिर वर्चस्व का टकराव शुरू हुआ है। 1960 के दशक में भी ऐसा ही कुछ हुआ था और राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस की चलती सरकार गिरा दी थी। सवाल यह है कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया के मन में भी ऐसा ही कोई प्लान है। 

राजमाता ने कांग्रेस से इस्तीफा क्यों दिया था

कहानियों में बताया जाता है कि 60 के दशक में कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा जिन्हे डीपी मिश्रा भी कहा जाता था, और राजमाता के बीच तनाव चल रहा था। पचमढ़ी में कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मलेन में हुआ। सीएम डीपी मिश्रा ने सम्मलेन में राजशाही पर तीखी टिप्पणी की और लोकतंत्र को इसका दुश्मन बता दिया। यह बात राजमाता सिंधिया को नागवार गुजरी और उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।

राजमाता ने तख्ता पलट कैसे किया

राजमाता के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी में दरारें पड़ने लगीं। पार्टी के कई बड़े नेता डीपी मिश्रा के स्वभाव से नाराज चल रहे थे। इसका फायदा राजमाता ने उठाया। करीब 35 विधायक सतना के गोविंद नारायण सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस से अलग हो गए और राजमाता के पास पहुंचे। राजमाता ने कांग्रेस का तख्ता पलट कर दिया और गोविंद नारायण सिंह को सीएम बनाया। वो खुद सदन की नेता चुनी गई। इस तरह मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार संविद सरकार बनी, यानी मिले जुले विधायकों से गठित की गई सरकार। हालांकि, संविदा सरकार महज 19 माह ही चल पाई और गोविन्द नारायण ने 10 मार्च 1969 को इस्तीफ़ा दे दिया।

क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया तख्ता पलट कर सकते हैं

मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट तीसरी सबसे बड़ी ताकत है। सिंधिया गुट से सरकार में 6 मंत्री हैं। तख्ता पलट हो पाएगा या नहीं यह तो समय ही बताएगा परंतु इतना जरूर तय है कि सरकार भरभराकर गिर जाएगी। हालांकि कमलनाथ केंप के एक कद्दावर नेता का मानना कि यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी तो वो अकेले रह जाएंगे। उनके 6 मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे। इधर मंत्रियों के अलावा कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने जरूर दावा किया है कि यदि सिंधिया के साथ अन्याय हुआ तो वो इस्तीफा दे देंगे। 

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