नई दिल्ली। यदि आप केवल समाज की सेवा कर रहे हैं तो सरकार आपकी पीठ थपथपाएगी परंतु यदि आप भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं तो आपका हश्र क्या होगा यह कोई नहीं जानता। केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली में तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी गोपीनाथ कन्नन को कौन नहीं जानता। ये वही युवा आईएएस हैं जिन्होंने केरल में आई बाढ़ के समय कंधे पर राहत सामग्री की बोरियां उठाकर बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाई थी। गोपीनाथ ने अब सरकार की सेवाओं से इस्तीफा दे दिया है। कन्नन ने अपना इस्तीफा केंद्र शासित प्रदेश के एडमिनिस्ट्रेटर के सलाहकार के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव को भेज दिया है। वह 2012 बैच के आईएएस अधिकारी थे।
पूरे देश में सराहना की गई थी
गौरतलब है कि मौजूदा सरकार और दादरा और नगर हवेली के प्रशासक प्रफुल्ल खोदा पटेल और गोपीनाथ कन्नन के बीच में बार-बार मतभेद की खबरें आती रही हैं। गोपीनाथ कन्नन तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने 2018 में केरल में आई भीषण बाढ़ के दौरान राहत सामग्री अपने कंधों पर रखकर लोगों तक पहुंचाई थी। पूरे देश में उनके इस कार्य को सराहा गया था। वह युवाओं के आदर्श बन गए थे।
चुनावी सिस्टम की गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठा दी थी
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान गोपीनाथ कन्नन ने चुनाव आयोग से मौजूदा दादरा नगर हवेली के बड़े अधिकारियों की शिकायत की थी। तब वह सिलवासा के जिलाधिकारी पद पर तैनात थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद उन्हें हटाकर कम महत्व के विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। कन्नन ने जिलाधिकारी रहते हुए कई सराहनीय कार्य किए थे।