भोपाल। कोलार का एक विवाद खत्म हुआ तो दूसरा खड़ा हो गया। कोलार नगर पालिका की फाइल बंद कर दी गई है। अब कभी भी कोलार नगर पालिका नहीं बनेगी लेकिन इसी के साथ भोपाल में कोलार को शामिल करते हुए दूसरे नगर निगम की कवायद शुरू कर दी गई है। यानी अब भोपाल में 2 नगर निगम होंगे।
जिला कांग्रेस ने इस संबंध में एक प्रस्ताव बनाया है। इसमें पहले नगर निगम में 85 और दूसरे में 70 से 75 वार्ड होने की बात कही गई है। शुक्रवार को कांग्रेस नेता नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह से मिलेंगे। कोलार नगरपालिका गठन की प्रक्रिया भी कांग्रेस के प्रस्ताव पर शुरू हुई थी। पांच साल पहले कोलार नपा को नगर निगम में शामिल करने की प्रक्रिया भाजपा के प्रस्ताव पर शुरू हुई थी। कुल मिलाकर प्रशासन इस तरह के निर्णय राजनीतिक दलों से आए सुझावों के आधार पर ही करता है।
कोलार नपा की फाइल होगी बंद
कोलार नपा गठन को लेकर 27 और 28 अगस्त को हुई सुनवाई के बाद प्रशासन इस फाइल को बंद कर देगा। इस सुनवाई के आधार पर प्रशासन नगर निगम के पक्ष में रिपोर्ट देगा। इसके बाद जिला कांग्रेस के प्रस्ताव को सम्मिलित करते हुए दो नगर निगम बनाई जा सकेंगी।
सिटीजंस फोरम ने कहा : भोपाल में दो नगर निगम का औचित्य नहीं
भोपाल सिटीजंस फोरम के संयोजक प्रकाश सेठ ने कहा कि भोपाल में दो अलग-अलग नगर निगम बनाने का कोई औचित्य नहीं है। कम आबादी वाले नगर निगम होने पर केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। बड़ी नगर निगम बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र को जोड़ने से लोगों की असुविधा बढ़ेगी। फोरम के सदस्य और कोलार क्षेत्र के निवासी सुरेंद्र तिवारी ने कहा कि कोलार सामाजिक और आर्थिक रूप से जुड़ा हुआ है, इसे अलग नहीं किया जा सकता।
अभी अदालत में लंबित है कोलार नपा के गठन का मामला: अग्निहोत्री
कोलार क्षेत्र के निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने कहा कि कोलार नपा गठन को लेकर पांच साल पहले उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने तत्कालीन नपा को भोपाल नगर निगम में विलय पर आपत्ति की है। इस याचिका पर अब तक फैसला होना है। एेसे में नगर निगम के गठन की बात तो बेमानी है, बल्कि नगरपालिका का पुनर्गठन करके विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए।