शाहजहांनाबाद का गेट लावारिस है, चाहो तो कब्जा कर लो | BHOPAL NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का ऐतिहासिक दरवाजा 'शाहजहांनाबाद का गेट' लावारिस है। यदि किसी की रुचि हो तो वो कब्जा कर सकता है, मध्य प्रदेश शासन का कोई विभाग आपत्ति नहीं उठाएगा। लोक निर्माण विभाग का कहना है कि यह दरवाजा उसकी संपत्ति हुआ करता था परंतु अब स्मार्ट सिटी को सौंप दिया गया है और स्मार्ट सिटी का कहना है कि उसके दरवाजों की लिस्ट में 'शाहजहांनाबाद का दरवाजा' का नाम ही नहीं है। 

मामला क्या है

रविवार को सुबह लगभग 9 बजे बारिश के चलते 'दरवाजा-ए-शाहजहांनाबाद' की दीवार का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया। इसकी चपेट में कुछ दुकानें भी आ गईं। इसके बाद यातायात पुलिस ने गेट का रास्ता बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। इस वजह से यहां वाहनों की लंबी कतार लग गई और वाहन रेंगते रहे। चौंकाने वाली बात यह रही कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद यहां जिला प्रशासन का कोई अधिकारी देखने तक नहीं पहुंचा। काफी समय बाद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी यहां आए और गेट देखकर चले गए लेकिन दरवाजे मरम्मत अब तक शुरू नहीं हुई है। 

'शाहजहांनाबाद का दरवाजा' लावारिस है


आरपी गुप्ता, एसडीओ, लोक निर्माण विभाग, संभाग-2 का कहना है कि शाहजहांनाबाद गेट स्मार्ट सिटी के अधीन कर दिया गया है। अब यह पीडब्ल्यूडी की नहीं बल्कि स्मार्ट सिटी की संपत्ति है और उसी की जिम्मेदारी भी। नितिन दवे, पीआरओ, स्मार्ट सिटी भोपाल का कहना है कि हमारे अधीन शहर के तीन गेट हैं। इनमें तीन मोहरा, सदर मंजिल गेट और मोती महल गेट शामिल हैं। इनका मेंटेनेंस और रेनोवेशन स्मार्ट सिटी के तहत किया जा रहा है। 'शाहजहांनाबाद का दरवाजा'
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