मिलावटी खिचड़ी: बेटी के बाद मां की भी मौत, 17 दिन चला इलाज, डॉक्टर भी नहीं बचा पाए

Bhopal Samachar
बरेली/रायसेन। महेश्वर गांव में 30 जुलाई को फूड पाइजनिंग के कारण एक ही परिवार के तीन सदस्य बीमार हो गए थे। बीमार होने पर दो बच्चियों के साथ उनकी मां को भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना वाली रात में दो साल की बच्ची प्रज्ञा की मौत हो गई थी, जबकि 17 दिन बाद मां ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। मृतक महिला के परिजन ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना का आरोप लगा रहे है। साथ ही जहर खिलाकर मार डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से भी निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। 

महेश्वर गांव निवासी शैलेंद्र सिंह खोजर की पत्नी 35 वर्षीय लक्ष्मीबाई और उसकी दो बेटियां 4 साल की श्रद्धा और 2 साल की प्रज्ञा को उल्टियां होने पर 30 जुलाई को बरेली सिविल अस्पताल लाया गया था। इलाज के दौरान लक्ष्मी किरार ने डॉक्टरों को बताया कि दोपहर के बाद दोनों बेटियों को खिचड़ी खिलाई थी। शेष बची खिचड़ी उसने खाली थी। खिचड़ी खाने के आधे घंटे बाद ही उल्टियां शुरू हो गई और परिवार के लोगों ने इलाज के लिए तीनों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। 

यहां पर उनका प्राथमिक उपचार करने के बाद भोपाल रेफर कर दिया गया। भोपाल में तीनों को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान रात में प्रज्ञा की मौत हो गई। लक्ष्मी बाई और उसकी बड़ी बेटी श्रद्धा का भोपाल में इलाज चल रहा था। घटना के 17 दिन बाद 15 अगस्त गुरुवार की रात्रि में लक्ष्मी बाई की इलाज के दौरान मौत हो गई।
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