THE SCINDIA SCHOOL को इस तरह जमीन नहीं दी जा सकती: शिवराज सिंह

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ग्वालियर में सिंधिया एजुकेशन सोसायटी को 4 अरब से ज्यादा कीमत की जमीन को जीरो प्रतिशत ब्याज पर आवंटित किए जाने पर श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि किसी के भी स्कूल के लिए इस तरीके से जमीन नहीं दी जा सकती। उस स्कूल में कितने गरीबों के बच्चे पढते हैं और कितनी फीस लगती है, यह भी सवाल उठता है। जिस स्कूल में सालाना 13 लाख रूपए फीस हो, भला उस स्कूल में कौन से गरीब बच्चे पढ़ते हैं। सरकार द्वारा यह उपकृत करने का काम चल रहा है, ताकि यह सरकार कैसे बची रहे।

प्रदेश को तबाही की कगार पर ले जा रही कांग्रेस सरकार

प्रदेश सरकार द्वारा किसान कल्याण आयोग खत्म किए जाने पर श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि जब आयोग ही नहीं रहेगा तो सिफारिशें ही नहीं आयेंगी और जब सिफारिशें नहीं आयेंगी तो उन्हें लागू करने का सवाल ही नहीं है। इसलिए सरकार ने आयोग ही बंद कर दिया, यह किसान विरोधी कदम है। सरकार से कर्जामाफ करते नहीं बन रहा है। यह अजब गजब सरकार है जो प्रदेश को तबाही की कगार पर ले जाने में लगी है।

खुद बदलने के डर से भाजपा की योजनाएं बदल रही सरकार

उन्होंने कहा कि आनंद विभाग की परिकल्पना पुरातन संस्कृति से प्रेरित होकर की गयी थी। सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं भूटान जैसे देश में जो समृद्धि नापी जाती है वह धन दौलत से नहीं प्रसन्नता और आनंद के प्रतिशत से नापी जाती है। दुनिया में इस पर गंभीरता से चर्चा हो रही है। कई देशों ने इस पर काम किया है। यह भारत की प्राचीन विधा है लेकिन भाजपा सरकार और शिवराजसिंह चौहान ने किया सिर्फ इसलिए सभी योजनाओं को बदल डालना है, खत्म कर देना है, कमलनाथ सरकार की यह मानसिकता ठीक नहीं है। खुद बदलने के डर से भाजपा सरकार की सारी चीजें बदलने की कोशिश प्रदेश सरकार कर रही है।

सीता माता के मंदिर सर्वे की जरूरत ही नहीं है

सारी दुनिया जिस बात को जानती है उसे सर्वे की आवश्यकता नहीं होती। प्रदेश सरकार द्वारा सीता माता मंदिर को लेकर सर्वे किया जाना निरर्थक है। बता दें कि श्रीलंका में सीता माता के मंदिर सर्वे को लेकर कमलनाथ सरकार द्वारा प्रतिनिधिमंडल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को काम करना ही है तो उन्हें अद्वेत वेदांत के प्रणेता शंकराचार्य जी की प्रतिमा का निर्माण कराना चाहिए, जिसकी राशि स्वीकृत है। अद्वेत वेदांत संस्थान, भगवान शंकराचार्य संग्रहालय बनाना चाहिए। 

सुना था कर्नाटक जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली जाकर बैठ गए

अनेकों ऐसे काम है जो भाजपा सरकार में हमने शुरू किए थे, उन सभी कामों को कमलनाथ सरकार ने बंद कर दिया है। ऐसी कई योजनाएं हैं जो गांव, गरीब से जुडी हुई थी, उन्हें भी कांग्रेस सरकार द्वारा बंद किया जा रहा है। माताओं, बहनों को छला जा रहा है, किसानों के वचन पूरे नहीं कर पा रहे हैं और अब श्रीलंका जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने सुना था कि कमलनाथ कर्नाटक जा रहे है, लेकिन कर्नाटक तो गए नहीं, दिल्ली में जाकर बैठ गए।

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