भोपाल। मप्र में स्थानान्तरण से प्रतिबंध हटते ही तबादलों की सुगबुगाहट होने लगी । मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा है कि मप्र में सबसे बड़े शिक्षा विभाग जिसमें प्रदेश का आधा अमला आता है; तबादलों को लेकर बड़ी मशक्कत करना पड़ रही है। शिक्षा विभाग ने पृथक से अपनी नीति घोषित कर रखी है। इसके तहत सबसे पहले अतिशेष शिक्षकों को हटाना, इसके लिए अतिशेष परिभाषित कर नाम निकालना बड़ी चुनौती है।
तबादलों के लिए शिक्षकों से आफलाइन/अनलाइन आवेदन भरवाये गये हैं । इसके लिए रिक्त पद जिसमें प्राथमिक के अलावा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए विषयमान शिक्षकों की सही जानकारी जिसमें जो जिस विषय से अध्यापक संवर्ग से शिक्षक संवर्ग में संविलियन हुए; पोर्टल पर अपलोड नहीं होने से आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुल मिलाकर लगता है नियम/प्रक्रिया एवं आफलाइन/अनलाइन, पोर्टल पर रिक्त पदों की सही व सटीक जानकारी के अभाव में समय-सीमा समाप्त हो कर तबादलों की आस लगाये आवेदकों को कहीं निराशा हाथ न लगे।
चालू सत्र में शिक्षा विभाग में तबादलें करना किसी चुनौती से कम नहीं है । शिक्षा विभाग के तबादलों को लेकर अक्सर सरकार को आलोचना का शिकार होना पड़ता है । आशा करते हैं यह स्थिति इस बार निर्मित न हो !