लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में जल संरक्षण को लेकर एक नई पहल शुरू की गई है। इसके तहत अब यहां सभी को आधा गिलास पानी दिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के निर्देश पर प्रमुख सचिव (विधानसभा) प्रदीप दुबे ने विधानसभा और सचिवालय में इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू करने की बात कही है।
आदेश के मुताबिक- हमेशा पानी से पूरे भरे हुए गिलास के पानी का उपयोग नहीं हो पाता है। अत: शुरू में आधा गिलास पानी ही दिया जाए। जरूरत होने पर पुन: जल उपलब्ध कराया जाए। इससे जल संरक्षण में मदद मिलेगी। इससे पहले लखनऊ में ही किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजेएमयू) में ऐसी पहल को शुरू किया गया था।
विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया- हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में आमजन से जल संरक्षण की अपील की थी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने आधा गिलास पानी देने का नियम बनाया है।
2030 तक विकराल होगा जल संकट
अधिकारी ने बताया, ''साल 2018 में नीति आयोग ने कहा था कि भारत 'इतिहास के सबसे भयावह जल संकट' से जूझ रहा है। 60 करोड़ लोगों को हर रोज पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। करीब 2 लाख लोग हर साल साफ पेयजल न मिलने से मर रहे हैं। देश के 75 फीसदी मकानों में पानी की सप्लाई नहीं है।'' रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि 2030 तक पानी की किल्लत और विकराल हो जाएगी।