वन क्लिक योजना: हजारों छात्रों की छात्रवृत्ति, अज्ञात खातों में चली गई | Khula Khat to Education Minister

श्रीमान में आपके माध्यम से बताना चाहता हूं कि मप्र में पिछले एक दो वर्षों से स्कूल शिक्षा विभाग छात्रवृत्ति का वितरण वन क्लिक के द्वारा कर रहा है। जिसमें राज्य के समस्त पात्र विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति एक क्लिक के द्वारा एक साथ भोपाल से जारी की जाती है। इसके पहले छात्रवृत्ति संकुलों के माध्यम से विद्यार्थियों के खातों में वेंडर बना कर जारी की जाती थी। जिसमें त्रुटि होने की कोई संभावना नहीं रहती थी क्योंकि खाता गलत होने पर भुगतान नहीं हो पाता था परंतु वन क्लिक योजना में विभाग ने सरकार की वाह वाही लूटने के चक्कर इस बात का कोई ध्यान नहीं रखा कि राशि सही खाते में जा रही है या नहीं। 

सत्र 2018-19 में छात्रवृत्ति वितरण में एक बहुत बड़ी खामी पकड़ में आई है, वन क्लिक से भुगतान के दौरान सॉफ्टवेयर में त्रुटि के कारण विद्यालयों द्वारा अपडेट किये गए खातों में राशि जाने की वजाय अनजान खातों में राशि का भुगतान हो गया है, इस बात का पता तब चला जब विद्यालयों में छात्रों द्वारा राशि प्राप्त न होने की शिकायत की गई। जब समग्र पोर्टल से छात्रवृत्ति के बिल निकाल कर जांच की गई तो पाया गया कि विद्यार्थियों के खातों की जगह अनजान खातों में राशि का भुगतान हो चुका है। ऐसे प्रकरणों की राशि प्रति स्कूल 25 से 30 हजार की है, इसका मतलब पूरे मप्र में यह राशि करोड़ों में बैठेगी। 

संस्था प्रमुखों द्वारा बैंकों में जा कर उन अनजान खातों की जांच कराई जा रही है साथ ही जिन खातों में राशि मौजूद है उनसे सही खातों में अंतरित की जा रही है परंतु अधिकतर खाते ऐसे है जिसमें खाता धारकों द्वारा राशि निकाली जा चुकी है और वे राशि लौटने से इनकार कर रहे हैं। दूसरी तरफ विद्यार्थियों के माता पिता विद्यालयों पर दवाव डाल रहे है और धमकियां दे रहे हैं कि कहीं से भी उनको भुगतान किया जाए। इस स्थिति में शिक्षकों के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वो राशि का भुगतान कैसे करें।

स्कूलों में एडमिशन नहीं हुए, मैपिंग के आदेश जारी कर दिए

दूसरी तरफ वर्तमान सत्र 2019-20 में शिक्षा विभाग अप्रैल माह से ही नित नए आदेश निकाल रहा है कि विद्यार्थियों की मैपिंग और छात्रवृत्ति तत्काल की जावे। पहले आदेश में डी पी आई ने अप्रैल माह में ही मैपिंग पूरी करने का आदेश दिया गया था जिसको पूरा न करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई थी। सभी को पता है सरकारी विद्यालयों में माता पिता बच्चों का प्रवेश जून के बाद जुलाई में ही कराते हैं, ऐसे में मैपिंग किसकी करें ? पर आदेश के पालन में विद्यालयों ने अपने अधीन आने वाली पोषक शालाओं से सारी टीसियाँ मंगा कर बच्चों की मैपिंग कर दी। 

साईकल वितरण एवं छात्रवृत्ति की डेडलाइन 5 जुलाई कर दी

उसके उपरांत दूसरा आदेश जारी हुआ जिसमें 24 जून तक समस्त विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और साईकल वितरण का कार्य पूर्ण करने का आदेश दिया गया था, ध्यान देने वाली बात ये है कि शासन ने स्कूलों में छात्रों के लिए अवकाश बढ़ा कर 24 जून कर दिया था जिसके कारण कोई भी विद्यार्थी प्रवेश हेतु नहीं आया। इसके उपरांत पुनः एक आदेश निकाला गया जिसमें साईकल वितरण एवं छात्रवृत्ति की डेडलाइन 5 जुलाई दी गई और पूर्ण न करने पर कठोर कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई। पिछले दिनों कुछ संकुल प्राचार्यों की दो वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जारी किए गए है क्योंकि उनके अंतर्गत आने वाले विद्यालयों द्वारा छात्रवृत्ति और साईकल का कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। 

20 दिनों से समग्र पोर्टल खराब है, कार्रवाई शिक्षक के खिलाफ होगी

मजेदार बात ये है कि पिछले 20 दिनों से समग्र पोर्टल जिस पर छात्रवृत्ति हेतु विद्यार्थी की प्रोफाइल अपडेट की जाती है वह सही से कार्य नहीं कर रहा। जब उस पर किसी भी बच्चे की प्रोफाइल अपडेट करने की कोशिश की जा रही है तो उस पर एरर आ रहा है कि छात्र किसी भी छात्रवृत्ति के लिए पात्र नहीं है तथा इस एरर के साथ प्रोफाइल भी अपडेट हो जाती है। साथ ही जब बच्चे का बैंक खाता अपडेट करने की कोशिश की जाती है तो उस पर एरर आ रहा है कि इस खाते नम्बर पर सत्र 2018-19 में छात्रवृत्ति दी जा चुकी है इसे बदला नहीं जा सकता। अब इस स्थिति में पात्र छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिलती तो भी शिक्षक दोषी बन जायेगा और अगर वो प्रोफाइल अपडेट न करे तो विभाग उसको दंडित करने का मौका ढूंढ रहा है।

वन क्लिक योजना को फुलप्रूफ बनाने की जरूरत है

मेरा निवेदन है विभाग को आदेशों में व्यवहारिकता लानी चाहिए। वन क्लिक योजना में ऐसा कुछ प्रावधान करें कि छात्रवृत्ति गलत खाते में न जाये। जरूरी ये नहीं है कि मुख्यमंत्री जी बटन दवाएं और करोड़ों खातों में एकसाथ राशि चली जाए बल्कि जरूरी बात ये है कि वो सही खाते में जाये। दूसरी बात विभाग को अपने पोर्टल की क्षमता बढ़ानी चाहिए ताकि आपके द्वारा दिये गए तुगलकी आदेशों के पालन के दौरान वो दबाब झेल सके और हैंग न हो।साथ ही मैपिंग,छात्र वृत्ति एवं साईकल वितरण के लिए डेडलाइन कम से कम 15 अगस्त के बाद की दी जानी चाहिए क्योंकि विद्यालयों में प्रवेश की तिथि भी आप ही 31 जुलाई देते हो।
धन्यवाद
(पत्र लेखक ने पहचान गोपनीय रखने का आग्रह किया है।)

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