शहर या गांव के नाम के साथ पुर, आबाद या गढ़ क्यों लगाते थे | GK HINDI

दशकों पहले जब इंसान आधुनिक नहीं था लेकिन समझदार था, तब शहर, कस्बे या गांव के नाम के आगे पुर, आबाद या गढ़ इत्यादि लगाए जाते थे। क्या आपने कभी सोचा है कि आपकेप पूर्वज ऐसा क्यों करते थे। क्या यह शहर के 'सरनेम' की तरह हैं, जैसे 'चौहान, शर्मा, गुप्ता या जाटव' या फिर इसके पीछे कोई विशेष संकेत छुपा है। 

ऋग्वेद में दर्ज है पुर शब्द का अर्थ

हिसार हरियाणा की 12वीं पास छात्रा ने कीर्ति बंसल (Kirti Bansal) बताती हैं कि पुर शब्द ऋग्वेद से आया है। ऋग वेड में पुर/पूरा शब्द का कई बार जिक्र किया गया है। वहां इस शब्द का इस्तेमाल शहर या किले के लिए किया है। 'पुर' शब्द शहर शब्द को दर्शाने के लिए संस्कृत का सबसे पुराना शब्द है। आजकल पुर शब्द शहर और पूरा शब्द मोहल्लो के लिए प्रयोग किया जाता है।

अफगानिस्तान में भी 'पुर' शब्द का उपयोग हुआ है

दिल्ली यूनिवर्सिटी में इतिहास विभाग के प्रोफेसर सुनील कुमार के मुताबिक, 'भारतीय शहरों के नाम समय-समय पर बदलते रहे हैं और पुर शब्द का प्रभाव अरबी भाषा में भी नजर आया।' यानी सिर्फ वेदों में नहीं बल्कि अरबी भाषा में भी इस शब्द का महत्व मौजूद है। आज भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा दक्षिणपूर्वी एशिया, अफगानिस्तान और इरान में भी इस शब्द से जुड़े नाम देखने व सुनने को मिल जाएंगे।

'आबाद' शब्द का अर्थ बताता है कि शहर कैसा है

पुर के अलावा जो शब्द भारत व कई अन्य एशियाई शहरों के नामों में देखा गया वो है 'आबाद'। हैदराबाद, अहमदाबाद, फैजाबाद जैसे भारत के तमाम शहर हों या पाकिस्तान में इस्लामाबाद और बांग्लादेश में जलालाबाद जैसे शहर। आखिर 'आबाद' शब्द कैसे और क्यों इन नामों के साथ जुड़ा। दरअसल, ये एक फारसी शब्द है। फारसी में 'आब' का मतलब पानी होता है। इस पूरे शब्द का अर्थ है कोई भी गांव, शहर या प्रांत जहां पर फसल हो सके या वो जगह रहने योग्य हो। जीएस पीजी कॉलेज सुल्तानपुर के इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर मोहम्मद शमी ने बताया कि, 'मुगलकाल के दौरान जब किसी शहर या जगह का नाम रखना होता था तो वहां से संबंधित हस्ती (आमतौर पर राजा) के नाम के साथ आबाद जोड़ दिया जाता था। इससे न सिर्फ वहां पर मुगल सल्तनत की छाप छोड़ी जाती थी बल्कि शहर के लोगों को पहचान भी देने का भी प्रयास होता था।' जैसे फिरोजाबाद का नाम फिरोज शाह के नाम से जोड़ा गया।

गढ़ का मतलब तो आप भी जानते होंगे

गढ़ शब्द से ज्यादातर लोग वाकिफ हैं कि ये किले से संबंधित है। चाहे भारतीय इतिहास में राजपूत हों या मुगल शासक, उन्होंने कई राज्यों में अपने किले स्थापित किए। इसके जरिए वो न सिर्फ अपने रहने की जगह स्थापित करते थे बल्कि ताकत को दिखाने का भी ये एक जरिया माना जाता था। इसी तर्ज पर शहरों को भी सालों साल बदलते रूप के साथ नए-नए नाम मिले और गढ़ भी आबाद शब्द की तरह तमाम लोगों के नाम या उनके धर्म, समुदाय के साथ जुड़ता चला गया। जैसे अलीगढ़। इस शहर का नाम सालों तक 'कोल' था। राजपूत आए, फिर मुगल राजा पहुंचे इसके बाद जाट राजा सूरजमल ने यहां के किले पर कब्जा जमाया और इसका नाम रामगढ़ रखा लेकिन फिर नजफ खान ने इस अहम किले पर कब्जा करके यहां का नाम अलीगढ़ रख दिया।

और भी कई प्रकार के हैं नाम और उनके अर्थ

नगर- ये किसी शहर के लिए संस्कृत शब्द है, जैसे- श्रीनगर, गांधीनगर, रामनगर
कोट/कोड- इसका अर्थ किला है, जैसे- राजकोट, पठानकोट, कोजीकोड
पत/प्रस्थ- इसका अर्थ जमीन है, जैसे- सोनीपत, पानीपत, इंद्रप्रस्थ
नाथ- हिंदू भगवान या धाम, जैसे- अमरनाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ
एश्वर/इश्वर/एश्वरम- संस्कृत में भगवान, जैसे- रामेश्वरम, भुवनेश्वर, बागेश्वर
मेर- पहाड़ या ऊंचा स्थान, जैसे- अजमेर, बाड़मेर, जैसलमेर

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