“हाई टेक” भाजपा और “लो टेक” चरित्र | EDITORIAL by Rakesh Dubey

NEWS ROOM
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश को अपने उज्जैन संभाग के सन्गठन महामंत्री को मुक्त करना पड़ा है | कारण “हाई टेक” होती भाजपा का “लो टेक” चरित्र रहा है | भाजपा की भांति, अन्य कोई दल कभी सुदृढ़ चरित्र का दावा नहीं करता| सुदृढ़ चरित्र का दावा करने वाली भाजपा में जब ऐसे मामले सामने आते हैं, तब सहज प्रश्न उठता है की भाजपा को क्या हो गया है ? भाजपा में क्या हो रहा है ? भाजपा मध्यप्रदेश ने अपने प्रदेश सन्गठन महामंत्री को उज्जैन अश्लील मेसेज कांड की जाँच सौंपी है | जाँच के नतीजे जब आयेंगे तब आयेंगे | डेमेज कंट्रोल करने के लिए प्रदेश भाजपा ने एक कदम आगे चल दिया है |पद से मुक्ति | क्या जग जाहिर सुबूतों के बाद भी यह औपचारिकता जरूरी है ?

भाजपा में अश्लील सी डी, अश्लील टेप- बातचीत जैसे कांड अब आम होते जा रहे हैं | अब इन्हें आसानी से राजनीति का रंग देकर शोर मचाया जा सकता है | पिछले १५ साल से प्रदेश और ५ साल देश में राज कर रही भाजपा के कीर्ति मुकुट में ऐसे श्याम पंख कई बार लगे हैं | भाजपा में सन्गठन मंत्री निर्वाचित नहीं होते आयतित होते हैं | भाजपा संघ से संगठन मंत्री आयात करती है | सबसे छोटी इकाई से लेकर केन्द्रीय कार्यालय तक | कुछ अच्छे भी निकलते हैं, कुछ बहुत अच्छे भी | इन दिनों बहुत अच्छे तो आ ही नहीं रहे हैं, कुछ अच्छे आते हैं और ये कुछ अच्छे फिसल जाते हैं, और एक और श्याम पंख भाजपा के मुकुट में लग जाता है | नाम का उल्लेख व्यर्थ है, इशारे काफी हैं |

भारतीय जनता पार्टी की एक सरकार के मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश विधानसभा में कहा था “ त्रिया चरित्रम पुरुषस्य भाग्यम” | उनका इशारा तब जिस विषय को लेकर था वो आज भी यथावत है | प्रदेश में भाजपा की पिछली सरकार के दौरान मंत्रीमंडल से एक वरिष्ठ सदस्य को इसी कारण पद छोड़ना पड़ा था, शायद आज भी उन पर मुकदमा चल रहा है | केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्त प्रदेश के बड़े अधिकारी की सीडी जग जाहिर हुई, मुकदमा दर्ज हुआ जाँच हुई जैसे तैसे मामला निबटा | प्रदेश के एक पूर्व सन्गठन महामंत्री ऐसे ही आरोपों को लेकर प्रदेश से बिदा हुए | एक पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ भोपाल में शपथ पत्र पर एक महिला के पति ने आरोप लगाये कोई जाँच नहीं हुई | जनता पार्टी की सरकार के दौरान एक मुख्यमंत्री द्वारा सदन में कही गई बात आज तक मिसाल है “ बलात्कार तो सहज मानवीय स्वभाव है|” यह मानसिकता इतने वर्षों के बाद भी इस दल में अब तक क्यों बनी हुई है, एक बड़ा सवाल है | इनके मुकाबले कुछ अन्य मामले जैसे शासकीय अधिकारियों से मारपीट, गाँधी की बजाय गोंडसे की पक्षधरता काफी छोटे हैं | गंभीर मामले आई एस आई और आंतकवादी संगठनों को आंकड़े उपलब्ध कराना है |

अब प्रश्न यह सब क्यों हो रहा है ? उत्तर - भाजपा में अब प्रवेश आसान हो गया है | चारित्रिक मजबूती ताक पर रख दी गई है | सन्गठन के पदाधिकारी एक दूसरे के खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं, उसके लिए वे नवागत सदस्यों से हर प्रकार की अपेक्षा होती हैं | प्रशिक्षण के बाद प्रवेश और प्रशिक्षण के साथ प्रवेश और समय-समय पर चलने वाले प्रशिक्षण वर्ग समाप्त हो गये हैं | सत्ता मिलने की बौराहट और सत्ता में आने के बाद अहम से चरित्र निर्माण और उससे आगे राष्ट्र निर्माण तो अब सपना होता जा रहा है | प्रदेश में पार्टी की प्राथमिकता बदलती दिखती है | पार्टी “हाई टेक” हो गई है, अब सदस्यता आवेदन और जाँच परख के बाद नहीं “मिस्ड काल” से मिलने लगी है | जिससे से बहुत कुछ मिस हो रहा है | संगठन में भी और समाज में भी |
देश और मध्यप्रदेश की बड़ी खबरें MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!