वरुण हत्याकांड: BHOPAL में लाठीचार्ज, DIG के हाथ में चोट आई | VARUN HATYAKAND

Bhopal Samachar
भोपाल। संडे को अपहृत किए गए 4 वर्षीय बालक वरुण मीणा का जला हुआ शव मिला है। इसके बाद ग्रामीण भड़क गए। पुलिस जब पड़ौस में रहने वाली एक संदिग्ध महिला को हिरासत में ले रही थी, ग्रामीणों ने पुलिस को बलपूर्वक रोकने की कोशिश की। बदले में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान डीआईजी इरशाद वली के हाथ में चोट भी आई है। पूरे गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। इलाके में तनाव है। 

पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया, लाठीचार्ज

गांव में उस वक्त तनाव बढ़ गया, जब पुलिस ने मृतक बच्चे के घर के पास रहने वाली सुनीता सोलंकी नाम की महिला को जांच के लिए हिरासत में लिया। जैसे ही पुलिस संदिग्ध महिला को पूछताछ के लिए जाने लगी तो मृतक बच्चे के परिजनों ने उस पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस ने मौके पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान डीआईजी इरशाद वली को हाथ में चोट आई है। वहीं कुछ लोग भी घायल हुए हैं। फिलहाल गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया।

अब आईजी/डीआईजी सहित पूरी फोर्स मौके पर

बच्चे का शव मिलने के बाद आईजी योगेश देशमुख के साथ ही भोपाल डीआईजी इरशाद वली मौके पर पहुंचे हैं और जांच से जुड़ी जानकारी ले रहे हैं। वहीं डॉग स्क्वॉड भी मौके पर पहुंच गया है। जिस घर के अंदर से बच्चे का शव जली हुई हालत में मिला है। उसके बाहर पैर के निशान भी मिले हैं। ऐसे में पुलिस उस सिरे को पकड़कर अपनी तलाश आगे बढ़ा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट करके हत्या पर अफसोस जताया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि बच्चे के हत्यारे को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

संडे शाम को अपहरण किया गया था

बता दें कि रविवार शाम सात बजे वरूण टॉफी लेने गया था। उसके बाद से ही वो घर नहीं लौटा था। इस दौरान इलाके में एक संदिग्ध कार घूमते हुए नजर आई थी। इलाके के सीसीटीवी में भी इस कार की तस्वीर आई थी। इस बीच आज सुबह प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और डीआईजी इरशाद वली बच्चे के परिजनों से मिलने पहुंचे थे लेकिन अब उसकी मौत की खबर आ रही है।


ग्राम बैरागढ चीचली में रहने वाले विपिन मीणा के तीन साल के बेटे वरुण को बीते रविवार शाम को घर के बाहर से खेलते समय अगवा कर लिया गया था। शाम करीब सात बजे दादा नारायण मीणा से बच्चा टॉफी के लिए दस रुपए लेकर निकला था। उसके दादा वन विभाग में नाकेदार हैं। कोलार थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करने के बाद एडीशनल एसपी अखिल पटेल के निर्देशन में दो सीएसपी व पांच थानों की टीम ने सर्चिंग शुरू की, लेकिन सोमवार देर रात तक सुराग नहीं मिला था।

मां का रो-रोकर बुरा हाल

माता-पिता का वरुण इकलौता बेटा है। बेटे के अपहरण के बाद से ही परिजन रात-दिन उसे खोजने में इधर-उधर तलाश कर रहे थे। मां का रो-रोकर बुरा हाल था। वह सिर्फ बच्चे को कहीं से भी लाने की बात कह रही थी। लेकिन आज ऐसी खबर आ गई है। बच्चे के दादा का कहना है कि हमारी किसी से भी कोई रंजिश नहीं थी।

जंगल और आसपास के इलाके में हो रही थी तलाश

इससे पहले बच्चे के अगवा होने के बाद से ही पुलिस बल को सर्चिंग में लगा दिया था। दो सीएसपी व पांच थानों के टीआई समेत करीब 60 जवान बैरागढ़ चीचली के जंगल और आसपास के इलाके में तलाश कर रहे थे। रात में बच्चे की उसके ही घर के आसपास तलाश की गई थी।

केरवा चौकी के वन विभाग के सुरक्षा प्रहरी से हुई थी बहस

पुलिस को जिस संदिग्ध कार में मासूम के अपहरण की आशंका थी, वो बच्चे के अगवा होने वाले दिन केरवा वन चौकी पर करीब 15 मिनट रुकी रही थी। इस दौरान वन चौकी के प्रहरी कार को नहीं जाने दे रहे थे, लेकिन कार में सवार लोगों ने अपने को पुलिस का अफसर बताकर रौब गांठा तो कार को जाने दिया था।

बच्चे के साथ दुष्कर्म की भी आशंका

कोलार इलाके से रविवार शाम को अगवा हुए तीन साल के वरूण की जली हुई लाश उसके घर के पास से ही मिली है। जिस मकान से बच्चे का जला हुआ शव बरामद हुआ है। वो काफी सालों से बंद था। मकान के पीछे के हिस्से का दरवाजा खोलकर अंदर शव को जलाया गया है। इस मामले में पुलिस को बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिस दिन बच्चा अगवा हुआ था। पुलिस ने घर के सामने के मकान की तलाशी नहीं ली थी। शुरुआती जांच में बच्चे के साथ दुष्कर्म की भी आशंका जताई जा रही है। घटना के बाद प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह भी बैरागढ़ के चीचली गांव पहुंचे।

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