भोपाल में शिक्षकों का गुस्सा फूटा, 15000 से अधिक शिक्षकों ने धरना दिया

भोपाल। विभिन्न मांगों के समर्थन में प्रदेश भर के 15 हजार से अधिक शिक्षकों ने गुरुवार को राजधानी के शाहजहांनी पार्क में पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने अपनी मांगो के समर्थन में जमकरनारेबाजी की। धरना कार्यक्रम का आयोजन समग्र शिक्षक संघ के आह्वान पर किया गया। 

शिक्षकों के भारी संख्याबल को देखते हुए भोपाल प्रशासन ने आंदोलन स्थल पर 200 से अधिक जवानों की टुकड़ियां तैनात की, आंदोलन स्थल के बाहर सड़क पर कई बार जाम की स्थिति बनने से आम राहगीरों को समस्या का सामना करना पड़ा। धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेशचंद्र दुबे, प्रमुख मार्गदर्शक रामनारायण लहरी ने कहा कि सरकार ने विधानसभा पूर्व जारी अपने पार्टी के वचन पत्र की कंडिका 16.28 में शिक्षकों के पदनाम, समयमान और वेतन विसंगति जैसे मुद्दों पर सरकार गठन के 3 माह के अंदर निर्णय करने  का वचन दिया था, लेकिन सरकार बनने के साढे सात माह बाद भी सरकार और शासन  का  मौन शिक्षकों के आक्रोश का कारण बन रहा है। पदोन्नयन के अभाव में शिक्षक लगातार रिटायर हो रहे हैं, हमारी मांग है कि सरकार वचन अनुसार तत्काल पदनाम पर निर्णय करे, तथा  शेष 8 सूत्रीय मांगो पर निराकरण की समय सीमा निर्धारित करे।

शिक्षकों को शासन की धमकी -

आंदोलित शिक्षकों ने 9 सूत्रीय ज्ञापन में म.प्र.शासन को धमकी दी है कि यदि शासन 01 माह के अन्दर पदनाम के आदेश जारी नहीं करता है, अन्य मांगों के निराकरण के लिए समय-सीमा निर्धारित नहीं करता है तो पदोन्नति से वंचित सेवानिवृत्ति के मुहाने पर खड़े सीनियर शिक्षक शिक्षक दिवस के आयोजनों का बहिष्कार करते हुए न केवल राजधानी पहुंचकर सामूहिक त्याग-पत्र देंगे वल्कि मुंडन संस्कार कार्यक्रम करने पर भी मजबूर होंगे। 

शिक्षकों को मनाने में अधिकारियों को आया पसीना 


धरनास्थल पर मंत्रालय के निर्देश पर शासन के प्रतिनिधि के रूप में शाम 4.30 बजे जब एसडीएम राजेश श्रीवास्तव और तहसीलदार देवेंद्र चौधरी ज्ञापन लेने पहुंचे तो शिक्षकों ने ज्ञापन देने से साफ इंकार कर दिया, शिक्षक प्रतिनिधियों का कहना था कि जब तक धरना स्थल पर विभाग का आला अधिकारी  ज्ञापन लेने नहीं आता तब तक न शिक्षक न ज्ञापन पत्र देंगे,न धरना स्थल छोड़ेंगे, काफी समझाइश के बाद भी जब शिक्षक नहीं माने जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मंत्रालय बात की और शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल को मंत्रालय चलकर बातचीत करने का आग्रह किया, काफी जद्दोजहद के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने  शिक्षक प्रतिनिधियो को मंत्रालय ले जाकर सचिव स्तर के अधिकारियों से प्रतिनिधि मंडल की विधिवत चर्चा कराई तब कहीं जाकर शिक्षकों ने धरना खत्म किया।

शासन की शिक्षक प्रतिनिधियों से सकारात्मक चर्चा 

बल्लभ भवन के अधिकारियों ने बताया कि शिक्षक प्रतिनिधि मंडल से कल शाम 40 मिनट चली चर्चा में विभाग ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया है, पदनाम के प्रकरण को हल करने के लिए हमने ने 10  दिन का समय मांगा है, उच्च स्तर पर भी चर्चा हो चुकी है  शिक्षकों के ऐसे सभी लंबित मुद्दे जो वचन पत्र और शिक्षकों के मांगपत्र में शामिल है आंदोलन को देखते हुए उन सभी विषयों पर कल दोपहर को हुई विभागीय बैठक में चर्चा हो चुकी है, शेष मांगो के निराकरण पर भी जल्द ही समय सीमा तय कर शिक्षक प्रतिनिधियों को इसकी जानकारी दे दी जाएगी।

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