नई दिल्ली। भारत में प्रतिष्ठा का पर्यायवाची बिड़ला परिवार के युवा कारोबारी यशोवर्धन बिड़ला को UCO BANK ने WILLFUL DEFAULTER यानी जान बूझकर लोन ना चुकाने वाला, घोषित कर दिया है। यशोवर्धन बिड़ला की कंपनी BIRLA SURYA LIMITED पर बैंक के 67.55 करोड़ रुपए बकाया हैं। न्यूज एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उल्लेखनीय यह है कि यूको बैंक की स्थापना बिड़ला परिवार ने ही की थी। आज उसी बैंक में बिड़ला परिवार का एक सदस्य विलफुल डिफॉल्टर घोषित हुआ है।
नोटिस मिलने के बाद भी कंपनी ने कर्ज नहीं चुकाया
एसबीआई, पीएनबी और बैंक ऑफ इंडिया के कंसोर्शियम के साथ यूको बैंक ने बिड़ला सूर्या को लोन दिया था। बिड़ला सूर्या लिमिटेड में यशोवर्धन बिड़ला डायरेक्टर हैं। वे यश बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन भी हैं। यूको बैंक की ओर से जारी सार्वजनिक नोटिस के मुताबिक बैंक की मुंबई स्थित नरीमन प्वाइंट कॉरपोरेट ब्रांच से बिड़ला सूर्या को 100 करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट दी गई थी। इसमें से 67 करोड़ रुपए और उसका ब्याज नहीं चुकाने की वजह से बैंक ने 3 जून 2013 को कर्ज एनपीए घोषित कर दिया था। बैंक के कई नोटिस मिलने के बावजूद कंपनी ने कर्ज नहीं चुकाया।
कंपनी के डायरेक्टर, प्रमोटर और गारंटर धोखेबाज कर्जदार
बैंक ने अब कंपनी के डायरेक्टर, प्रमोटर और गारंटरों को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। आरबीआई के निर्देशों के मुताबिक विलफुल डिफॉल्टर को बैंकों या वित्तीय संस्थानों की ओर से कोई कर्ज नहीं दिया जाता। कंपनी पर 5 साल तक नए उद्यम लाने पर रोक लग जाती है। कंपनी और डायरेक्टर्स के खिलाफ कर्जदाता आपराधिक कार्रवाई भी शुरू कर सकता है।
बिड़ला परिवार ने ही यूको बैंक की स्थापना की थी
घनश्याम दास बिड़ला यूको बैंक के फाउंडर थे। उन्होंने 1943 में कोलकाता में बैंक की स्थापना की थी। वे यशोवर्धन बिड़ला के परदादा रामेश्वर दास बिड़ला के भाई थे। 1969 में सरकार ने यूको बैंक का अधिग्रहण कर लिया था। यूको बैंक ने 665 विलफुल डिफॉल्टर्स की लिस्ट जारी की है। इनमें जूम डेवलपर्स (309.50 करोड़ रुपए), फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया (142.94 करोड़ रुपए), मोजर बेयर इंडिया (122.15 करोड़ रुपए) और सूर्या विनायक इंडस्ट्रीज (107.81 करोड़ रुपए) शामिल हैं।