बच्चों को अपराधियों से बचाने के लिए क्या करें | What to do to protect children from criminals

भोपाल। राजधानी के कमला नगर के मांडवा बस्ती में शनिवार को पड़ोसी विष्णु प्रसाद द्वारा नौ साल की बच्ची बेबी की दुष्कर्म के बाद हत्या के बाद पुलिस ने लोगों में जागरूकता लाने की खातिर दिशा-निर्देश और सुझाव जारी किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अफसरों का मानना है कि छोटी-छोटी सावधानियां रखकर हम काफी हद तक ऐसी घटनाओं से बच सकते हैं। इस मामले में समाज और खुद अभिभावकाें की जिम्मेदारी ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्हें बच्चों को लगातार इस बारे में जागरूक करते रहना होगा। साथ ही उन्हें सही और गलत व्यक्ति की पहचान संबंधी जानकारियां भी देनी होंगी, जिससे वे भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध से बच सकें।

बच्चों को अपराधी के चंगुल में फंसने से बचाने के लिए क्या करें

बच्चों को गुड और बेड टच के बारे में बताएं। आस पड़ोस के लोगों के व्यवहार से बच्चों को परिचित कराएं। स्कूल-काॅलेज व काम करने के स्थान के आसपास नजदीकी बढ़ाने वाले किसी भी अनजान व्यक्ति से पूछताछ करें।
बच्चों को स्थानीय थाने के फोन नंबर और आपातकालीन नंबरों की जानकारी दें। मोहल्ले में कोई भी संदेही व्यक्ति दिखता है या रहता है उसके संबंध में सूचना थाने में दें।
आपके पास आपके क्षेत्र मोहल्ले में तैनात बीट अधिकारी के मोबाइल नंबर होना चाहिए जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना उन्हें तत्काल देना चाहिए।

बच्चों को अपराध से बचाने के लिए क्या करें

बच्चों को दूर के रिश्तेदार, पड़ोसी अथवा अनजान व्यक्ति के साथ कहीं भी न भेजें। 
स्कूल, काॅलेज, ट्यूशन उनमें काम करने के स्थान व मार्केट में अकेले नहीं जाने दें।
माता-पिता दोनों कामकाजी हैं और बच्चों को घर पर अकेले छोड़ना पड़ता है तो उन्हें सिखाएं कि अनजान व्यक्ति घर में आने की कोशिश करे तो दरवाजा न खोलें। 
रात में बच्चों को कहीं भी अकेला नहीं जाने दें।
बच्चों को किसी भी अनजान व्यक्ति से लिफ्ट नहीं लेना चाहिए।
बच्चों को कम उम्र में मोबाइल फोन उपयोग के लिए नहीं दें। 

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