सिंधिया की गोपनीय डिनर पार्टी से कयासों की आग भड़की | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश के तीसरे दिग्गज कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भोपाल में एक गोपनीय डिनर पार्टी का आयोजन किया। यह पार्टी मंत्री महेंद्रसिंह सिसोदिया के घर पर हुई। पार्टी में सिंधिया कैंप के सभी मंत्री मौजूद थे। पार्टी में सीएम कमलनाथ पर पक्षपात का आरोप लगाया गया। सिंधिया कैंप के मंत्रियों ने नाराजगी जताई और मंत्रीमंडल विस्तार में सिंधिया कैंप की भूमिका को लेकर रणनीति तय की गई। बता दें कि सीएम कमलनाथ 6 मंत्रियों को हटाकर उनके स्थान पर 6 नए मंत्री बनाना चाहते हैं। 

सीएम कमलनाथ मंत्रियों को भी मिलने का समय नहीं देते

सिंधिया केंप के मंत्रियों मानना है कि उनके काम में ब्यूरोक्रेसी अड़ंगे लगा रही है, जिससे नीतिगत निर्णय भी नहीं हो पा रहे हैं, जिन पर वित्त की भी कोई आपत्ति नहीं है। मंत्रियों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि मुख्यमंत्री को वे अपनी दिक्कतें बताना चाहते हैं तो इसके लिए समय नहीं मिलता। इस पार्टी में सिसोदिया के साथ स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रभुराम चौधरी मौजूद थे। इन मंत्रियों का आरोप है कि उनके विभाग में जानबूझकर ऐसे अफसरों को पदस्थ किया गया है जो काम में अड़ंगा लगाते हैं।

तंग करने वाले अफसर दिए जा रहे हैं

श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की नाराजगी इस बात को लेकर है कि उनके विभाग में अब तक तीन प्रमुख सचिव रहे जो काम को पेंडिंग रखते हैं। श्रम विभाग में शुरुआत में संजय दुबे को पदस्थ किया गया, उनके समय विभाग का काम थोड़ा ठीक ठाक रहा। इसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग से हटाकर प्रमोद अग्रवाल को श्रम विभाग में पदस्थ किया गया, उनसे मंत्री की पटरी नहीं बैठी। कुछ दिन पहले अशोक शाह को विभाग में पदस्थ किया गया है। शाह पहले भी जिन विभागों में रहे वहां मंत्रियों से उनका तालमेल नहीं रहा। 

दिग्विजय और कमलनाथ केंप के मंत्रियों को महत्व मिलता है

मंत्रियों का आरोप है कि नाथ और दिग्विजय सिंह समर्थक मंत्रियों को अगर दिक्कत होती है तो तत्काल उनके विभागों से प्रमुख सचिव बदल दिए जाते हैं। इसी तरह का मामला नगरीय प्रशासन विभाग में सामने आया, जहां जयवर्द्धन सिंह को विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल से दिक्कत थी, उन्हें तत्काल हटा दिया गया और संजय दुबे को पदस्थ कर दिया गया। इसी तरह से सुरेंद्र सिंह ‘हनी’ बघेल को दिक्कत हुई तो प्रमुख सचिव को हटा दिया गया।

मंत्रियों को अफसरों से क्या परेशानियां हैं

तुलसी सिलावट की नाराजगी इस बात को लेकर है कि विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल अधिकांश समय छुट्टी पर ही रहती हैं, इससे काम पेंडिंग हो जाते हैं।
खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी प्रमुख सचिव नीलम शमी राव के कामकाज के तरीके से नाराज हैं। पिछले दिनों होशंगाबाद जिले में धान खरीदी की तारीख के पहले पोर्टल बंद कर दिया गया। इस कारण उन्हें बैंकों से भुगतान नहीं किया जा सका। तोमर इसे लेकर पिछले विधानसभा सत्र में भाजपा के सवालों से घिर गए। 
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी अपने विभाग में ट्रांसफर प्रक्रिया से नाराज हैं। इसे लेकर वे विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी को भी निर्देशित कर चुके हैं। चौधरी की दिक्कत यह है कि उनके विभाग में ट्रांसफर की व्यवस्था ऑनलाइन है। वे चाहते हैं कि यह व्यवस्था ऑफलाइन हो।  

मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया केंप की रणनीति क्या होगी, तय किया गया

आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया समर्थक मंत्रियों की किसकी क्या स्थिति रहेगी, इसे लेकर चर्चा चलती रही। मंत्रियों को अंदेशा है कि जिस तरह से कुछ मंत्रियों को हटाने की बात सामने आई है तो कहीं उन्हें नहीं हटा दिया जाए। पंद्रह साल बाद कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई है। इसके चलते जनता की सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं, जो पूरी नहीं हो पा रही है। मंत्री जब अपनी दिक्कतों को मुख्यमंत्री को बताना चाहते हैं तो उन्हें मिलने का समय नहीं मिल पाता।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!