मप्र में हर योजना के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर है, परंतु कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए कोई योजना नहीं

शासन की सभी महत्वांकांक्षी हितग्राही मूलक योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बरकार रखने में कम्प्यूटर आपरेटर की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज ऐसी कोई योजना, अभियान, विभाग, कार्यालय यहां तक की निरीक्षण से लेकर परीक्षण तक के सभी कार्य बिना कम्प्यूटर आपरेटर के संभव नही है लेकिन आउटसोर्स ऐजन्सी एवं अधिकारियों की मिली भगत से आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों को हटाने का फरमान जारी किया जा रहा है और जलील करके नौकरी से बेदखल किया जा रहा है।

आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों की असहनीय पीड़ा मध्य प्रदेश सरकार को नही दिख रही है। जबकि किसी भी योजना, अभियान, विभाग, कार्यालय में कम्प्यूटर आपरेटर एक विशेष महत्व रखता है। वर्तमान सरकार को आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटर के भविष्य की चिंता बिलकुल नही है लेकिन उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। आज कई योजना, विभाग, में लाखों बरोजगार युवा आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटर के रिक्त पद पर पूर्ण ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से शासन की कम्प्यूटरीकृत कार्याें कां अंजाम दे रहा है। प्रदेश में एक कहावत सिद्ध हो रही है कि जिसके घर सम्पन्न है भगवान उसी को ही देता है। 

प्रदेश में कम्प्यूटर आपरेटरों के लाखों पद रिक्त है उन पदों पर आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी, अस्थाई कम्प्यूटर आपरेटर से काम करवाया जा रहा है। उसे केवल कलेक्टर रेट का दैनिक वेतन ही दिया जा रहा है। उसके वेतन में कोई बढ़ातरी नही हो रही है। लेकिन प्रदेश में सभी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को समय पर वेतन दिया जा रहा है और समय समय पर बढ़ा हुआ मंहगाई भत्ता भी और रूका हुआ वेतन भी दिया जा रहा है लेकिन कम्प्यूटर आपरेटर को नही अधिकारी/कर्मचारी के अधिनस्थ योजनाओं और विभागों में दिन रात काम कर रहे आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटर अल्पवेतन पर घसीटा जा रहा है। कम्प्यूटर आपरेटर का वेतन जैसे ऊंठ के मुह में जीरा।

आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों के साथ धोखा अधिकारी/कर्मचारी को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों को हटाया जा रहा है। किया जा रहा है भविष्य से खिलवाड़।

आज मध्य प्रदेश का युवा कम्प्यूटर आपरेटर बेरोजगारी के दलदल में धसता जा रहा है। वही अधिकारी/कर्मचारी को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है और कम्प्यूटर आपरेटर को बेरोजगार किया जा रहा र्है। प्रदेश में जितने भी शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेण्ड्री स्कूल उन्न्यन हुए है उन सभी शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेण्ड्री स्कूल एक-एक कम्प्यूटर आपरेटर का पद स्वीकृत है। किन्तु सरकार द्वारा अभी तक उन स्वीकृत रिक्त पदों को भरने की कोई नीति नही बनाइ है। शिक्षा विभाग में स्वीकृत रिक्त कम्प्यूटर आपरेटर के पदों की नही हो पाई अभी तक भर्ती नही हुई है।

बच्चों को बढ़ाने के बजाय शिक्षक कर रहे है कम्प्यूटर आपरेटर का काम। प्रदेश के कई शिक्षक जो बच्चों को पढ़ाने की सैलरी ले रहे है वही शिक्षक संकुल केन्द्र या हाई स्कूल/उमावि में जिला एवं विकास खण्ड तथा संकुल प्राचार्य की निगरानी में कम्प्यूटर आपरेटर का काम कर रहे। और दुकानो बिलो पर कर रह है लाखों रूपया खर्च कर रहे। । जबकि उन्हे कम्प्यूटर आपरेटर का काम नही करना चाहिए। यदि शिक्षक कम्प्यूटर आपरेटर का काम नही करते है तो प्रदेश में कई बेरोजगार कम्प्यूटर आपरेटरों को नौकरी मिल सकती है। 

आत्महत्या के लिए मजबूर है आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटर, सरकार है जिम्मेदार।

जिन कम्प्यूटर आपरेटरों को हटाया जा रहा उनको न तो किसी प्रकार की आर्थिक सहायता है और न ही कही रोजगार जिसके कारण कई बेबस कम्प्यूटर आपरेटर जिसके पास अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए परेशानी आ रही है। महगाई के इस कलयुग में परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण और कोई रोजगार नही होने के कारण कम्प्यूटर आपरेटर आत्महत्या करने केा मजबूर है। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार है।

आउटसोर्स एजेन्सी नही दे रही है निर्धारित कलेक्टररेट एवं समय पर मासिक वेतन- आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों को आउटसोर्स एजेन्सी द्वारा न ही समय पर मानदेय दिया जा रहा है और न ही निर्धारित कलेक्टररेट से मानदेय वर्तमान में प्रदेश के सभी शासकीय विभाग, कार्यालय, योजना, अभियान में कम्प्यूटर आपरेटर को निर्धारित कलेक्टर रेट से मानदेय भुगतान किया जाना है कि लेकिन अधिकारी ओर आउटसोर्स एजेन्सी की सांठगॉठ से कारण कम्प्यूटर आपरेटरों को समय पर मासिक मानदेय एवं निर्धारित कलेक्टर रेट से भुगतान नही किया जा रहा है। यदि कम्प्यूटर आपरेटर इस संबंध में अधिकारी/ऐजन्सी से बात करता है या  उन्हे समय पर मानदेय एवं निर्धारित कलेक्टर रेट से भुगतान के लिए कहता है या बात करता है तो उसे हटाने की धमकी दी जाती है जिससे आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटर का मानसिक एवं आर्थिक शौषण के साथ पारिवारिक शोषण भी हो रहा है।

आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों को वेतन भुगतान का नही है मॉनिटरिंग सिस्टम और न ही भविष्य के लिए कोई आर्थिक योजना।

मध्य प्रदेश के सभी शासकीय विभाग, कार्यालय, योजना, अभियान में शासकीय सेवकों के लिए वेतन मॉनिटरिंग सिस्टम और भविष्य प्लान एवं समय- समय पर महगांई भत्ता का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन उन्ही शासकीय विभाग, कार्यालय, योजना, अभियान में स्वीकृत रिक्त पद पर कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर को कब और कितना वेतन भुगतान किया जा रहा है इसका कोई मॉनिटरिंग सिस्टम नही हैं। यदि कर्तव्य स्थल पर आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटर के साथ कोई अप्रिय घटना या दुःखद घटना घटित हो जाती है तो उसका खामयाजा उसके परिवार को ही भुगतना पड़ता है। लेकिन शासकीय विभाग, कार्यालय, योजना, अभियान में कार्यरत शासकीय सेवक को उनकी पेंशन है तो उनके परिवार को कोई टेंशन नही है।

सरकार के वचन पत्र में है शामिल है आउटसोर्स- कमलनाथ सरकार ने सरकार बनने से पहली ही वचन पत्र जारी किया था जिसमें आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाना है लेकिन सरकार अभी जो समस्या थी ही नही उन समस्याओं में ही उलझी पड़ी है। जो ‘‘बेरोजगारी से विशेष’’ नही है।

प्रदेश में शासकीय विभाग, कार्यालय, योजना, अभियान में कार्यरत/हटाये गये कम्प्यूटर आपरेटरों के बेरोगजारी से झूझते भविष्य की ओर भी ध्यान दे उनका विभागीय संविलियन एवं नियमितीकरण कर सम्मानजनक समयमान वेतनमान देकर रोजगारमुखी योजनाओं का निर्माण करें। यदि योजना बदं हो जाती है तो कार्यरत कम्प्यूटर आपरेंटर को हटाया न जाये बल्कि उसे अन्य योजना/अभियान/विभाग में पदस्थ किया जाये।
मध्यप्रदेश कम्प्यूटर आपरेटर माहसंघ

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